सीतापुर-अनूप पाण्डेय,आशीष गौड़/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ जहां स्वास्थ्य सेवा बेहतर बनाने के लाख दावे करते हैं वही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉ उनके सभी आदेशों की पलीता लगाने में कसर नहीं छोड़ रहे हैं ताजा मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लहरपुर का है जहां पर स्वतंत्रता दिवस के बाद डॉक्टरों का हाल कुछ ऐसे देखने को मिले जैसे स्वतंत्रता दिवस के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लहरपुर के डॉक्टर्स को कुछ अतिरिक्त स्वतंत्रता प्रदान कर दी गई हो ये इस लिए कहा जा रहा है।
क्योंकि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के दृश्य ही कुछ ऐसे देखने को मिले स्वास्थ्य केंद्र में मरीजों का ताता दिखा परंतु डॉक्टर की कुर्सी खाली दिखी वैसे यह कोई नई बात नहीं है आए दिन ऐसी तस्वीरें देखने को मिल सकती है परंतु देखने के लिए जिला मुख्यालय से मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निकलकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आना होगा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डॉक्टर अपनी ड्यूटी को लेकर कितना गंभीर है इसे ये तस्वीरों में देखा जा सकता है तस्वीर में कई डॉक्टरस की कुर्सी खाली दिखी परंतु डॉक्टर साहब कुर्सी पर नही दिखे ऐसे में उपचार हेतु आये मरीज रास्ता देखते रहे जिससे मरीजो को परेशानी हुई दूर- से आए मरीज आस लगाए बैठे रहे की कब डॉक्टर साहब अपनी कुर्सी लेंगे ऐसे में कुछ लेडी मरीज भी डॉक्टर का इंतजार करती रही मगर कोई डॉक्टर अपनी कुर्सी पर नही दिखे।
यदि यही रवैय्या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लहरपुर का रहा तो क्या होगा उन मरीजो का जो दूर से अपने इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आते है ऐसी तस्वीरें कोई नई नही है आये दिन आपको लहरपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में देखने को मिलती रहेंगी जो उच्च अधिकारियों के लिए भी थोड़ा संकट पैदा कर सकती है।
वैसे तो डॉक्टर को धरती के भगवान की उपाधि दी जाती है पर ऐसी लापरवाही करने वाले डॉक्टर्स को कौन सी उपाधि मिलना चाहिए ये उच्चाधिकारियों को शोचना का विषय है ।संवाददाता के द्वारा जब कोई डॉक्टर न दिखने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के जिम्मेदार अधीक्षक आनंद मित्रा से बात की गई तो उन्होंने लंच टाइम का हवाला दिया परंतु उनकी बात पर भी सवाल खड़ा होता है कि सभी डॉक्टर्स एक साथ लंच सभी कुर्सियां खाली ऐसे में एक बात और कही जा सकती है। भगवान की कुर्सी भगवान भरोसे