नई दिल्ली। बीजेपी के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा सोमवार को किसानों के मुद्दे को लेकर पुलिस मुख्यालय का घेराव कर रहे थे, और इस दौरान कुछ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें चाय-नाश्ते की पेशकश की। जिसके बाद से नया विवाद शुरू हो गया है। महाराष्ट्र सरकार के आला अधिकारियों ने कथित तौर पर यशवंत सिन्हा को चाय ऑफर किए जाने पर आपत्ति जताई है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सोमवार देर शाम सिन्हा और कई किसानों को पुलिस मुख्यालय के बाहर आंदोलन शुरू करने के बाद हिरासत में ले लिया गया था।इसके बाद कुछ पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कुछ चाय और हल्के नाश्ते की पेशकश की।
चाय पूछने वाले अधिकारी की लगी क्लास
खबर है कि यशवंत सिन्हा को चाय-नाश्ता पूछे जाने को लेकर जिला कलेक्टर के एक अधिकारी ने कथित तौर पर आपत्ति जताई और इस पेशकश के लिए उन्हें झाड़ लगाई। मामले पर टिप्पणी के लिए जब सिन्हा से संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें भी इस बारे में जानकारी समर्थकों से मिली। सिन्हा ने बताया, मैंने कलेक्टर कार्यालय के अधिकारियों द्वारा की गई आपत्ति खुद अपने कानों से नहीं सुनी
यशवंत सिन्हा कर रहे हैं आंदोलन
यशवंत सिन्ना ने कहा कि वो सोमवार शाम से किसान अपनी मांगों को लेकर राज्य सरकार से ठोस आश्वासन पाने के लिए आंदोलन कर रहे हैं। इन मांगों में किसानों को उनके उत्पादन के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य भी शामिल है। सिन्हा ने कहा, अभी तक स्थानीय जिला कलेक्टर को छोड़कर मुख्यमंत्री की तरफ से कोई भी शख्स हमसे मिलने या बात करने नहीं आया है।इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए कलेक्टर आस्तिक कुमार पांडे कई प्रयासों और संदेशों के बावजूद उपलब्ध नहीं हुए। अब, सिन्हा और तुषार गांधी समेत सभी लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर किसानों की मांग पूरी नहीं होती है तो वे भूख हड़ताल शुरू करेंगे। तुषार गांधी महात्मा गांधी के परपोते हैं।
एनसीपी ने दिया आंदोलन को समर्थन
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार और शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने यशवंत सिन्हा से फोन पर बात की है और उनसे किसानों के मुद्दों पर चर्चा की। शरद पवार ने सिन्हा से कहा कि उनकी पार्टी पूरी तरह से सिन्हा के साथ है और आंदोलन का समर्थन करती है। इससे पहले सोमवार शाम सिन्हा और अन्य ने अकोला के शेतकारी जागरण मंच द्वारा आयोजित कपास, सोयाबीन और धान के किसानों की एक रैली को संबोधित किया था। अपने भाषण में सिन्हा ने केंद्र और महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ (भाजपा) दल पर चुनाव से पहले किए गए वादे से मुकरने का आरोप लगाया।