हाईकोर्ट के आदेश के बाद शासन ने धर्म स्थलों पर बगैर इजाजत बज रहे लाउडस्पीकर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए थे। 20 जनवरी तक जांच पड़ताल कर अवैध लाउडस्पीकरों को धर्म स्थलों से उतारना था।मगर बरेली प्रशासन ने अभी तक एक भी धर्म स्थल से लाउडस्पीकर उतारने की हिम्मत नहीं की है। प्रशासनिक अधिकारी लाउडस्पीकर की अनुमति के आवेदनों की जांच के नाम पर खानापूर्ति करने में लगे हैं।
धर्म स्थलों पर तेज आवाज में बजने वाले लाउडस्पीकर के खिलाफ हाईकोर्ट ने कार्यवाही के आदेश दिए थे। हाई कोर्ट की सख्ती देख शासन ने प्रशासनिक अफसरों को अवैध लाउडस्पीकर बंद कराने के आदेश दिए थे। करीब 20 दिन से जांच पड़ताल का ड्रामा किया जा रहा है। सभी धर्म स्थलों के प्रबंधकों को नोटिस जारी कर लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति मांगने के लिए आवेदन करने को कहा था। 3000 से अधिक आवेदन भी आए। मगर अभी तक बामुश्किल 500 धर्म स्थलों को ही लाउडस्पीकर बजाने की अनुमति दी गई है। बगैर इजाजत धर्म स्थलों पर बज रहे लाउडस्पीकर की जांच भी प्रशासन अभी तक पूरी नहीं कर सका है। शहर से लेकर देहात तक लाउडस्पीकर का कोहराम जारी है। प्रशासन ला एंड आर्डर की बात कहकर धर्म स्थलों से अवैध लाउडस्पीकरों को उतारने से बच रहा है।