झांसी. अब एक मतदेय स्थल पर 1400 से अधिक मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग नहीं करेंगे। यदि किसी मतदेय स्थल पर मतदाताओं की संख्या अधिक है तो उन्हें अन्य मतदेय स्थल से संबद्ध किए जाने के निर्देश मुख्य निर्वाचन अधिकारी अमृता सोनी ने वीडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से दिए हैं। उन्होंने कहा कि मतदेय स्थलों के सम्भाजन मतदेय स्थल तथा उससे संबद्धीकरण का कार्य निर्वाचक नामावली के सुसंगत भाग का शतप्रतिशत सत्यापन करने के बाद किया जाए तथा कार्य में संवेदनशीलता अवश्य सुनिश्चित की जाए। सत्यापन कार्य के साथ ही यह भी देखा जाए कि कुछ मतदेय स्थल की निर्वाचक नामावली में अंकित मतदाताओं का निवास इसी भवन के आसपास भौतिक रूप से हो।
30 सितंबर तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश
मुख्य निर्वाचन अधिकारी अमृता सोनी ने योजना भवन से वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कहा कि विधानसभा क्षेत्रों के अनुसार मतदेय स्थलों का निर्धारण करने के पश्चात मतदेय स्थलों की एक नई सूची तैयार की जाएगी। जिसे मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को जिलेवार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि 30 सितंबर तक मतदेय स्थल बनाने के लिए भवनों का चयन, पुनर्निर्धारण तथा भौतिक सत्यापन संवेदनशीलता से पूर्ण किया जाए। चार अक्टूबर को भौतिक सत्यापन के पश्चात राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ चर्चा कर मतदेय स्थलों के प्रस्ताव तैयार कराएं। 9 अक्टूबर को आपत्तियों एवं सुझाव के लिए मतदेय स्थलों की आलेख्य सूची का प्रकाशन तथा जो मतदेय स्थलो में संशोधित किया गया उसकी जानकारी भी इसी दिन राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को भी उपलब्ध कराएं। 30 अक्टूबर तक समस्त मतदेय स्थलों की सूची मुख्य निर्वाचन अधिकारी को उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाए तथा 6 नवंबर को मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा मतदेय स्थलों के प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए आयोग को प्रेषित किया जाये।
इन मतदेय स्थलों में होगा बदलाव
जिलाधिकारी कर्ण सिंह चौहान ने बताया कि झांसी जिले की विधानसभा बबीना में 17 मतदेय स्थल, मऊरानीपुर विधानसभा में 23 मतदेय स्थल तथा गरौठा विधानसभा क्षेत्र में 8 मतदेय स्थल ऐसे हैं। जहां 1400 से अधिक मतदाता हैं तथा 8 मतदेय स्थल ऐसे है जहां 300 से कम मतदाता हैं। इस अवसर पर संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी रमेश चन्द्र राव एवं उप मुख्य निर्वाचन अधिकारी रत्नेश सिंह ने भी आवश्यक दिशा निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी प्रशासन हरिशंकर, वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी दीपक सक्सेना, एसडीएम सदर पूनम निगम, एसडीएम टहरौली तथा नेटवर्किंग इंजीनियर कपिल चतुर्वेदी उपस्थित रहे।