मिर्ज़ापुर. नगरपालिका अध्यक्ष टिकट के लिए भाजपा में दो गुटों के बीच मची खीचतान की वजह से टिकट घोषित करने में बीजेपी के पसीने छूट रहे हैं। नगर निकाय चुनाव में भाजपा अभी अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की घोषणा नहीं कर पाई है, जिससे कार्यकर्ताओं में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सबसे बड़ा पेंच शहर के नगरपालिका अध्यक्ष पद के लिए फंसा हुआ है, जिस पर फैसला लेना पार्टी के लिए आसान साबित नहीं हो रहा है।
इस सीट पर अध्यक्ष पद के टिकट के लिए पार्टी के कद्दावर नेता मनोज जायसवाल और विश्वनाथ अग्रवाल के बीच जबरदस्त जोर आजमाईश चल रही है। इसी चक्कर में अन्य सीटों पर अध्यक्ष प्रत्याशियों की घोषणा नही हो पा रही है। मनोज जायसवाल पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष रहे है। इससे पहले 2012 में भाजपा के टिकट पर नगर विधान सभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं, जिसमे उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। विधान सभा चुनाव 2017 में भी वह नगर विधान सभा से टिकट के लिए मजबूत प्रत्याशी थे, मगर अचानक उनका टिकट काट कर रत्नाकर मिश्रा को दे दिया गया। उन्हें जिले से बाहर काशी प्रांत के चुनाव कि जिम्मेदारी दी गई।
नगरपालिका चुनाव में एक बार फिर से अध्यक्ष पद के टिकट के लिए उनका नाम सबसे आगे चल रहा है। मगर पार्टी का दूसरा धड़ा उनकी बजाय विश्वनाथ अग्रवाल को टिकट दिलाने के लिए जोरदार पैरवी कर रहा है। विश्वनाथ अग्रवाल शहर में मेटल व्यवसाय के बड़े व्यापारी माने जाते है। पार्टी में जमीनी पकड़ से ज्यादा पर्दे के पीछे की भूमिका में ज्यादा सक्रिय रहे है। लिहाजा दोनों गुटों के खींचतान की वजह से प्रदेश नेतृत्व भी असमंजस कि स्थिति में टिकट की घोषणा नही कर पा रहा है।
जहां एक तरफ नगर विधायक रत्नाकर मिश्रा और उनके समर्थक पार्टी में विश्वनाथ अग्रवाल को टिकट देने पर पूरा जोर लगा रहे हैं। वहीं जिले पार्टी में दिए योगदान से पार्टी कार्यकर्ता मनोज जायसवाल को अपनी पहली पसंद बता रहे है। फिलहाल सूत्रों की माने तो कुछ बड़ा उलटफेर नहीं हुआ तो मनोज जायसवाल टिकट कि रेस में अभी भी सबसे आगे है। संभावना है कि पार्टी मंगलवार शाम टिकट की घोषणा कर तस्वीर साफ कर देगी, मगर जब तक टिकट की घोषणा नही होती भाजपा जिला इकाई में असमंजस कि स्थिति बनी रहेगी।