दीपक ठाकुर:NOI।
बरसात का एक अपना ही लुफ्त होता है बारिश की जोरदार बूंदे व्यक्ति को रोमांचित कर देती है। सबको बारिश का बेसब्री से इंतज़ार भी रहता है और मज़ा तो तब आता है जब बाहर हो बारिश का नज़ारा घर मे चाय और पकौड़ों के साथ लिया जाता है।हमारी बातों से आपको यकीनन बारिश से मोहब्बत हो गई होगी लेकिन ये द्रश्य देख कर आप अंदाजा लगाइये के बारिश की फुहार इनके लिए क्या लेकर आई है चेहरे पर मुस्कुराहट या अजीब सी परेशानी।
ये तस्वीरें पुराने लखनऊ की है जहां सोमवार की बारिश से लोग परेशान हो गए जो लोग बारिश का इंतज़ार करते थे वही बरसात रुकने की दुआ करने लगे जिसका एक मात्र कारण ये था कि पुराने लखनऊ में जल निकासी का कोई इंतेज़ाम नही है जो है उस पर भी कभी काम होता नही दिखता।
नगर निगम पानी की निकासी कर पाने में पूरी तरह फेल साबित हो रहा है यही कारण है कि बारिश का पानी लोगो के बेडरूम तक पहुचने लगा है।ऐसा नही है कि यहां निकासी की व्यवस्था नही है व्यवस्था तो है पर नगर निगम के लापरवाह कर्मचारी अपने काम पर ध्यान ही नही देते और खामियाज़ा जनता को भुगतना पड़ता है।लोगो ने बताया कि हाल ही में मोटा पाइप अंडर ग्राउंड ये कहकर डाला गया था कि इससे पानी की बेहतरीन निकासी होगी पर ना जाने कहाँ गया वो पाइप और वो दावे।सही मायने में देखा जाए तो नगर निगम हर गली मोहल्ले में ज़मीन खोद कर चमकदार भविष्य बनाने के सपने तो खूब दिखाता है लेकिन ये बात अलग है कि इसका वास्तविकता से कोई लेना देना नही होता है।
लोग हल्की बारिश में ही तोबा करने को मजबूर हो जाते है भूल जाते हैं बारिश के उस लुफ्त को जो रोमाचित करता था अब तो सब खुद को बारिश के पानी से बचाने की कवायद में मसरूफ दिखाई देते हैं।धन्य है नगर निगम विभाग जो वीआईपी व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए दिन रात एक कर देता है मगर अफसोस आम जनता के लिए उसके पास ना तो वक़्त है और ना कुछ करने की चाह।