दीपक ठाकुर:NOI।
नवजोत का इमरान खान प्रेम क्या एक तरफा था या नवजोत को पाकिस्तान बुलाना पाक की एक नापाक हरकत थी जिससे वो भारत को शर्मिंदा होने का एक मौका दे,ऐसा इसलिए कहना पड़ रहा है क्योंकि पाकिस्तान से जो तस्वीर आई है वो ये बताने के लिए काफी है कि पाकिस्तान भारत अपना दोस्त नही नही मानता और ना ही उसकी ऐसी कोई मंशा है।
अभी हाल ही में पाकितान में हुए चुनाव में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर इमरान खान की पार्टी की सरकार बनी है और इमरान ने अपनी ताजपोशी के लिए भारत के कुछ पुराने दिग्गज क्रिकेटरों को बुलावा भेजा था जिसमे सिर्फ नवजोत सिंह सिद्धू ही ऐसे निकले जो इमरान की ताजपोशी में शरीक होने पाकिस्तान पहुंच गए अब क्योंकि सिद्धू इस वक़्त कांग्रेस पार्टी से भी जुड़े हैं तो लेहाज़ा उनके इस कदम की खूब आलोचना भी हुई क्योंकि पाकिस्तान से दोस्ती की उम्मीद किसी को नही है इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान हमेशा पीठ में छुरा मारने के उद्देश्य से ही भारत से बात चीत करता है।
खैर हमे राजनीति में नही पड़ना पर हम ये भी नही चाहते कि पाकिस्तान भारत की बेज़ात्ति करे और वो भी उसको हम ऐसा करने का मौका दें तब।
सही पढा आपने नवजोत सिद्धू ने ऐसा ही मौका दिया पाकिस्तान जा कर क्योंकि जो तस्वीर वहां से उस वक़्त की आई है उसे देख कर यही लगता है कि इमरान खान सत्ता की हवस में दोस्त की दोस्ती को और खुद उस दोस्त को बुला कर भी भूल गए।अगर ना भूले होते तो वहां सिद्धू की ऐसी तस्वीर ना आती जिसे देख कर लगता कि मान ना मान सिद्धू इमरान का मेहमान।