बीएसपी के कद्दावर नेता और पार्टी के मुस्लिम चेहरा नसीमुद्दीन सिद्दिकी और उनके बेटे को मायावती ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया । बीसपी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने बताया कि नसीमुउद्दीन को पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते पार्टी से निकाला गया साथ ही उन पर आरोप लगाया की सिद्दीकी ने चुनाव के दौरान अवैध वसूली की थी जिसके चलते नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बेनामी संपत्ति बना ली है. साथ ही इनके कई अवैध बूचड़खाने भी चल रहे हैं, जिसके चलते पार्टी की छवि खराब हो रही थी. सतीश चंद्र ने नसीमुद्दीन पर पार्टी के नाम पर अवैध वसूली का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने विधानसभा चुनाव में योग्य प्रत्याशियों को टिकट देने के बजाय ज्यादा पैसे देने वाले उम्मीदवारों को टिकट दिए, जिसका पार्टी को भारी नुकसान उठाना पड़ा ।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि यूपी विधानसभा चुनाव में बीएसपी की हार के बाद से नसीमुद्दीन सिद्दीकी पर कार्रवाई का अंदाजा लगाया जा रहा था. चुनाव परिणाम आने के कुछ दिन बाद ही नसीमुद्दीन सिद्दीकी को बीएसपी के मध्यप्रदेश में संगठन की कमान दी गई थी. इस फैसले के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बीएसपी नसीमुद्दीन को उत्तर प्रदेश की राजनीति से बाहर करने की तैयारी है.।