लखनऊ, दीपक ठाकुर,भारतीय रेल का आवागमन समय से हो जाये ऐसा हम भारतियों के लिये कल्पना में ही संभव है यहाँ के हालात सुधरने के बजाये अपने पुराने ढर्रे पर ही है अब इसका कारण क्या है ये बात आज तक किसी के समझ में नहीं आई।
चारबाग रेलवे स्टेशन पर आप जब भी सफर करने जाए तो आपको एक मधुर सी आवाज़ सुनाई देती है कि गाड़ी संख्या जो यहाँ से यहाँ तक जाती है वो अपने निर्धारित समय से कई घंटे देरी से चल रही है और इतने बजे आने की संभावना है ये बात सुनने के लिए यात्री ध्यान केंद्रित किये रहते हैं और सुनने के बाद सिस्टम को कोसते ही नज़र आते हैं।
रविवार को इत्तेफाक से मुझे भी भारतीय रेल से कहीं जाना पड़ा जब मैं निर्धारित समय से एक घंटा पहले स्टेशन पहुंचा तो फिर वही आवाज़ आई ध्यान से सुन रहा था कि शायद आने वाली है गाड़ी पर फ़िर वही कहानी उसने बोला की अभी 2 धंटे देरी से आएगी आधे घंटे बाद मैडम फिर बोली अब तीन घंटे और लगेंगे ये सिसिला 5 घंटे पर थमा ये तो मैंने अपने आप पर बीती बताई पर वहां जिस गाड़ी की अनाउंसमेंट हो रही थी सभी अपने निर्धारित समय से कई घंटे देरी से ही बताई जा रही थीं जिसके लिए मैडम को बहुत खेद भी हो रहा था। मगर 16 से 21 घंटे गाड़ी लेट होने की घोषणाएं जारी थीं।
ऐसा होता क्यों है ये बात समझ से परे है मौसम खराब हो तब समझ आता है पर जब सब सही है तो चूक कहाँ होती है क्या हमारा भारतिय रेलवे का सिस्टम ही थक चुका है या गाड़ियों के लेट चलने से किसी का फायदा होता है सुनने में तो यही आता है कि लेट गाड़ी चलाने वालो को पैसा ज़्यादा मिलता है अगर ये सब करण है जिससे गाड़ी जान के लेट की जाती है तो ये बहुत गलत बात है ऐसे तो हम कभी समय का सदुपयोग नहीं कर पाएंगे इससे हमारी तो छोड़िए भारतीय रेल की छवि भी गिरती ही जायेगी।
तो सम्बंधित विभाग और सरकार से हम यात्रियों का विनम्र अनुरोध है कि कृपया भारतीय रेल की छवि को धूमिल होने से बचाये अच्छी सेवा तो आप देने से रहे पर समय पर अपने गंतव्य तक तो पहुंचाइये।।।