नई दिल्ली, एजेंसी। आजकल पैसा कमाने के चक्कर में लड़के पढ़ाई के साथ-साथ जॉब भी कर रहे हैं। ये लड़के सुबह कॉलेज और रात में ऑफिस जाते हैं, लेकिन ऐसा करना उनकी सेहत पर असर डाल रहा है। एक नए शोध की मानें तो नाइट शिफ्ट करने से लड़कों की हड्डियां कमजोर हो जा रही हैं और उनमें ऑस्टियोपोरोसिस होने की संभावना बढ़ रही है।
20-27 साल की उम्र के लड़कों के लिए सबसे ज्यादा खतरा
शोध के अनुसार, नाइट शिफ्ट करना 20-27 साल की उम्र के लड़कों की सेहत के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक है। इस स्टडी के रिजल्ट एंड्रोक्राईन सोसाइटी के 99वें एनुअल मीटिंग में दिखाएं जाएंगे।
बोस्टन के एक अस्पताल में हुए इस शोध में प्रतिभागियों ने सिर्फ 5.6 घंटे की नींद ली। इसमें उनकी डाइट भी उसी हिसाब से रखी गई जो नाइट शिफ्ट के दौरान लोग लेते हैं। शोधकर्ताओं ने पाया कि तीन हफ्तों के बाद इनके P1NP के लेवल में काफी गिरावट आई।
पर्याप्त नींद ना लेने से हड्डियों के मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है बुरा असरपर्याप्त नींद ना लेने से हड्डियों के मेटाबॉलिज्म पर पड़ता है बुरा असर
नौजवानों में P1NP के लेवल में 27% कमी आई तो बुजुर्गों में ये 18% थी। वहीं इनके CTX में किसी भी तरह का बदलाव देखने को नहीं मिला जिससे साफ है कि नई हड्डियों का निर्माण नहीं होगा तो पुरानी हड्डियां कमजोर पड़ सकती हैं। मुख्य शोधकर्ता क्रिस्टीन स्वैनसन ने बताया कि सही से नींद ना लेने से हड्डियों के मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ता है ।