नानपारा, बहराइच। (सरफराज अहमद/नसीम अहमद)
तहसील अधिवक्ता एसोसिएषन नानपारा के तत्वाधान में सुनियोजित व्यवस्था होने तक तहसील मिहींपुरवा के वादो की सुनवाई तहसील नानपारा में ही किये जाने के सम्बन्ध में एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया। ज्ञापन में अधिवक्ताओं ने कहा कि नवसृजित तहसील मिहींपुरवा (मोतीपुर) में उपजिलाधिकारी तहसीलदार तथा नायब तहसीलदार मिहींपुरवा द्वारा वादो की सुनवाई की जा रही है वस्तुतः नवसृजित इस तहसील में माल पत्र संग्रहालय तथा बार एसोसिएषन की व्यवस्था एवं स्टाॅम्प वेण्डर की नियुक्ति नही हुई है। साथ ही अधिवक्ताओं के बैठने की कोई व्यवस्था नही है। जिससे वादकारियों को विधिक सहायता प्रदान किया जाना दुर्लभ है। ऐसी स्थिति में समूचित व्यवस्थाएं होने तक पूर्व की भांति तहसील मिहींपुरवा क्षेत्र के वादो की सुनवाई पीठासीन अधिकारी द्वारा कम से कम तीन दिन तहसील नानपारा में करने की मांग की गई। इसके अलावा ज्ञापन में यह भी कहा गया कि विकास खण्ड रिसिया के 36 राजस्व ग्रामों को बिना अधिसूचना के तहसील बहराइच से सम्बद्ध कर दिये गये जिससे वादकारियों और क्षेत्र की जनता को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। न्यायहित और जनहित में उन ग्रामों को पुनः तहसील नानपारा में समाहित किये जाने की मांग की गई। ज्ञापन देते समय अध्यक्ष रामादल वर्मा, महामंत्री चन्द्रेष सिंह, पूर्व अध्यक्ष चतुर्भज सहाय, अमरनाथ वर्मा, ध्यान प्रकाष श्रीवास्तव, आत्म प्रकाष सहित तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।