लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मांग के आगे मोदी सरकार को झुकना पड़ा। बताया जा रहा है कि योगी प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से नाराज थे जो नए डीजीपी की नियुक्ति की फाइल को दबाए हुए था।
जानकारी के अनुसार यूपी के डीजीपी को लेकर पिछले कई दिनों से चल रही रस्साकशी शनिवार समाप्त हो गई। केंद्र ने सीआईएसएफ में डीजी के पद पर तैनात ओपी सिंह को रिलीव कर दिया है। संभावना है कि एक-दो दिन में वह अपना पदभार ग्रहण कर लेंगे।
पहले खबर आई कि ओपी सिंह को केंद्र ने रिलीव नहीं किया है तो विपक्ष ने भी निशाना साधना शुरू कर दिया था। उनके प्रवक्ता ने तो यहां तक कह दिया था कि सवजातीय ऑफिसर के लिए यूपी में डीजीपी का पद कई दिनों से खाली है। हालांकि शुक्रवार को केंद्र की मंजूरी न मिलने के बाद अब यूपी को अगले एक दो दिनों में नए डीजीपी मिल जायेंगे।
माना जा रहा था कि मुलायम सरकार में बसपा सुप्रीमो मायावती के साथ हुई बदसलूकी में ओपी सिंह का नाम आने के बाद आलाकमान उन्हें लेकर आश्वस्त नहीं था। पार्टी को डर था कि बसपा इससे दलित वोटों को भाजपा से दूर ले जाने के लिए अपना हथियार बना सकती है, लेकिन सीएम योगी आदित्यनाथ की पहली पसंद बने ओपी सिंह के नाम का प्रस्ताव दोबारा केंद्र को भेजने पर केंद्र सरकार ने उन्हें रिलीव कर दिया।