दीपक ठाकुर:NOI।
नई दिल्ली से आई एक खबर ने सपा को सकते में डाल दिया है वो खबर है वर्षो तक सपा के साथ रहे उनके सिपहसालार नरेश अग्रवाल अब सपाई नही रहे क्योंकि उन्होंने सपा की जो सेवा की उसका फल उनको नही मिला मतलब नरेश अग्रवाल को राज्यसभा टिकट ना देने पर ये उनकी सपा से नाराजगी जाहिर करने का एक तरीका है।वैसे ये पहली बार नही है जब नरेश अग्रवाल ने दल बदला हो वो पहले कांग्रेसी रहे फिर सपा में आये वो अपने क्षेत्र में काफी मशहूर रहे हैं इस लिए अपने दम पर भी चुनाव जीतने की कूबत रखते है लिहाजा उन्होंने इस बार भाजपा का दामन थाम लिया है जिस पर उनका कहना था कि राष्ट्रीय पार्टी के साथ जुड़कर राष्ट्र की सेवा करने की जो इच्छा थी ये उसी ओर उनका पहला कदम है।
भाजपा नेता पीयूष गोयल ने उन्हें भाजपा की सदस्यता दिलाते हुए खुशी जाहिर की और कहा कि नरेश अग्रवाल को लगा कि मोदी जी के कुशल नेतृत्व में देश का विकास हो रहा है और योगी जी उत्तर प्रदेश में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं इसी को देखते हुए नरेश अग्रवाल हमारे साथ आये हैं जो एक अच्छी बात है।
अब भाजपा के लिए तो ये अच्छी बात होना लाजमी भी है क्योंकि उत्तर प्रदेश में भाजपा को अगर किसी से दिक्कत थी तो वो सपा ही थी सपा में खुदबखुद सेंध लग जाने से ज़ाहिर तौर पर फायदा भाजपा को ही होगा उम्मीद की जानी चाहिए कि लोक सभा चुनाव में ये दल बदल सीट में इज़ाफ़ा भी कराएगा लेकिन बात ये समझ नही आती राजनीति में मान मर्यादा नाम की कोई चीज़ है भी के नही जो जो आपको पानी पी पी कर कोसता था आपकी नीति का आपके कार्यों का माखोल उड़ाता था वही जब आपके दल में आता है तो आप ह्रदय से उसका स्वागत करने लगते हैं सब भूल जाते हैं कमाल है राजनीती और राज नेता जो सब ताक पर रखने को तैयार रहते हैं अगर राज करने का रास्ता दिख जाए।