दीपक ठाकुर:NOI
उत्तर प्रदेश में जारी शीत लहर को देखते हुए मंगलवार की शाम लखनऊ के जिलाधिकारी महोदय ने अभिभावकों को जो राहत देने वाले आदेश से परिचित कराया था वो बुधवार की सुबह कष्टदाई साबित होता दिखाई दिया जिसकी वजह बना सरकारी आदेश पर लोगों का भरोसा।
जैसा कि मंगलवार रात तक सोशल मीडिया द्वारा ये जानकारी सभी तक पहुंचा दी गई थी कि बुधवार यानी 18 दिसम्बर से क्लास नर्सरी से क्लास आठवीं तक की सभी कक्षाओं का समय सुबह 10 बजे से 3 बजे तक का होगा जब तक कोई अगला आदेश ना आये तब तक फिर क्या था ये खबर अभिभावकों को बड़ी अच्छी लगी के चलो डीएम साहब ने उनकी सुध ली और शीत लहर में बच्चों को राहत देने का काम किया लेकिन बुधवार यानी 18 दिसम्बर को ही सुबह 8 बजे से प्राइवेट स्कूल की वैन ने अभिभावकों के घर के आगे अपनी हाजरी देनी शुरू कर दी तब तक बच्चे सो कर भी नही उठे थे क्योंकि उनको ये गलत फहमी हो गई थी कि डीएम साहब के आदेश 10 बजे के हैं तो 9 बजे तक उनकी वैन आएगी।
खैर वैन के घर के बाहर हॉर्न देने के बाद जब अभिभावकों ने उनसे कहा कि स्कूल तो 10 बजे का है तो इतनी जल्दी क्यों तो जवाब मिला के प्रधानाचार्य ने अपने स्कूल का समय कक्षा 5 से 8 तक 9 बजे किया है जबकि डीएम साहब ने कक्षा 8 तक 10 बजे का आदेश पारित किया था।अभिभावकों ने पेपर की कटिंग भी दिखाई जिसमे बड़े अक्षर में 10 बजे स्कूल की टाइमिंग होने की खबर चस्पा थी लेकिन निजी स्कूल की मनमानी कोई नई तो नही ये हर अभिभावक ही नही डीएम साहब खुद भी जानते हैं तो समझ ये नही आता कि वो ऐसा आदेश ही क्यों देते हैं
जिसको खुद अमल में नही ला पाते हैं वजह क्या है ये हम सभी जानते हैं बस यहां कहना यही है कि या तो उन निजी स्कूलों पर सरकारी सख्ती दिखाई जाए या अपने आदेश से निजी स्कूल को छूट दी जाए।