नई दिल्ली/श्रीनगर। पाकिस्तान समर्थक अलगवादी नेता सैय्यद अली शाह गिलानी के पोते सरकारी नौकरी देने के लिए नियमों को तांक पर रखा गया था। एक अंग्रेजी अखबार ने इस बात का खुलासा किया है। अखबार की रिपोर्ट का कहना है कि 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद जब कश्मीर हिंसा के दौर से गुजर रहा था उसी वक्त बीजेपी और पीडीपी गठबंधन वाली राज्य सरकार ने गिलानी के पोते को सरकारी नौकरी देने के लिए नियमों का उल्लंघन किया।
अंग्रेजी अखबार टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अनीस-उल-इस्लाम को सरकारी नौकरी पर नियुक्त करने के लिए राज्य सरकार की भर्ती नीति के सभी नियमों का उल्लंघन किया गया। उन्हें शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल संवहन कनवेक्शन कॉम्पलेक्स में रिसर्च ऑफिसर बनाया गया। यह जम्मू-कश्मीर पर्यटन विभाग की एक सहायक विंग है। उनका सालाना वेतन 12 लाख रुपए है। अनीस ने जालंधर से एमबीए किया है। हालांकि पर्यटन सचिव फारूख शाह ने गिलानी के पोते की नियुक्ति नियमों के मुताबिक बताई है।