दीपक ठाकुर
किस्सा कुर्सी का ये एक पुराना धारावाहिक था जो सत्ता की कुर्सी की लालच को दर्शाता हुआ नजर आता था ठीक ऐसा ही इस बार बिहार की राजनीति में दिखने वाला है जिसके संकेत भी मिलने शुरू हो गए हैं।एक ओर जहां जेडीयू ने पोस्टर बैनर लगा कर अपनी मंशा साफ कर दी है
कि इस बार भी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर नीतीश कुमार को ही बैठाएंगे वही दूसरी तरफ भाजपा नेता संजय पासवान का कहना है कि बहुत हो चुका नीतीश का राज अबकी बार भाजपा की होगी सरकार यानी भाजपा कोई उप पद लेने के मूड में नही है हालांकि जेडीयू का मानना है कि संजय पासवान की बातों को गंभीरता से नही लेना चाहिए लेकिन बात निकली है तो दूर तक निकलनी भी लाज़मी है।
वैसे देखा जाए तो बिहार की एनडीए सरकार में फ्रंट की कुर्सी पर बैठी जेडीयू ने काफी वर्षो तक अपनी शर्तों पर राज किया है भाजपा को उसने अपना सहयोगी सिर्फ और सिर्फ कुर्सी बचाने के लिए ही किया है तो ऐसे में कुर्सी की ये खीचा तानी क्या आपसी सहमति से सुलझ जाएगी या 2020 में बिहार की राजनीति में नए समीकरण देखने को मिलेंगे अब ये देखना दिलचस्प होगा क्योंकि सुशील मोदी के समर्थक अब उनको मुख्यमंत्री के रूप में जो देखना चाहते हैं और जेडीयू अपनी कुर्सी छोड़ने वाली नही है तो सम्भव सबकुछ है बस समय का इंतज़ार है।