मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लोक संवाद कार्यक्रम के बाद मीडिया से बात करते हुए कई अहम मुद्दों पर उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट की. जिस में महागठबंधन में तनाव की खबरें, जीएसटी और 27 अगस्त को राजद के प्रस्तावित बीजेपी विरोधी दलों के रैली के अलावा राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव से संबंधित सवालों के जवाब भी दिए.
शुरुआत महा गठबंधन में दरार को लेकर पूछे गए सवाल से हुआ. सवाल यह था कि गुलाम नबी आजाद ने मीडिया में महागठबंधन में खटास को लेकर बयान दिया था उस पर उन्होंने कहा कि महागठबंधन अपने चुनाव पूर्व एजेंडा पर आज भी कायम है. जो एजेंडा चुनाव के पहले बनाए गए थे उस पर हम आगे बढ़ रहे हैं. इसके बाद 27 अगस्त को राजद के प्रस्तावित रैली में शामिल होने के लिए राजद द्वारा निमंत्रण नहीं मिलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अनौपचारिक तौर पर निमंत्रण मिल चुका है, औपचारिक तौर पर भी मिल ही जाएगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि हमारी पार्टी छोटी है और हम पीएम पद के रेस में कतई शामिल नहीं है. उन्होंने कहा कि हम कभी भ्रम नहीं पालते मेरी पीेएम बनने की कोई इच्छा नहीं है और हमारी पार्टी क्षेत्रीय पार्टी है. हम किसी तरह से 2019 के चुनाव में पीएम पद के उम्मीदवार नहीं हैं.
नीतीश कुमार ने कहा, ‘क्या विपक्ष की एकता के बिना कांग्रेस संघ मुक्त भारत बना सकती है?’ उन्होंने एक बार फिर विपक्ष की एकता और आगे की रणनीति को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हमने पी. चिदंबरम और राहुल गांधी से कहा है कि कांग्रेस एक बड़ी पार्टी है और वो पहल करें। उन्हें एक एजेंडा तय करना चाहिए। वैकल्पिक राजनीति अभी के वक्त की मांग है. एकता की बात करने से ही काम नहीं चलता.नीतीश ने कहा कि सिर्फ एकता की बात करने से काम नहीं चलता है। राष्ट्रीय स्तर पर सिर्फ गठबंधन बनाने से कुछ नहीं होगा। हमें अहम मुद्दे पर एकजुटता दिखानी होगी.
इससे पहले कल जनता दल यूनाइटेड के राज्य कार्यकारिणी की बैठक के बाद जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा था कि निमंत्रण मिलने पर हमारे नेता नीतीश कुमार इस रैली में जरूर शामिल होंगे. इसके बाद जीएसटी को लागू कराने का कार्यक्रम में शामिल नहीं होने के मुद्दे पर भी अपनी स्थिति स्पष्ट किया. उन्होंने कहा कि जीएसटी परिषद को इसके लिए निमंत्रण दिया गया था.
जीएसटी काउंसिल के अध्यक्ष और ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव इस कार्यक्रम में शामिल होने गए थे. उन्होंने जीएसटी के समर्थन के सवालों पर कहा कि हम तो पहले दिन से जीएसटी के हिमायती थे, और लगातार आजतक उस की पैरवी करते हैं. पेट्रोल और डीजल के साथ शराब और अन्य वस्तुओं को शामिल नहीं किए जाने के सवालों पर उन्होंने कहा कि यह सारी चीजें पहले से ही अलग रखा गया था. जिसका हमने भी समर्थन किया था. उन्होंने कहा कि जीएसटी देश का सबसे बड़ा कर सुधार है.