बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी माने जाने वाले आरसीपी सिंह बहुत ही जल्द प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का हिस्सा बन सकते हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि सिंह को रेल मंत्री बनाया जाएगा ताकि वे आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री पद पर रहते हुए हुईं गड़बड़ियों का पता लगा सकें। सिंह उत्तर प्रदेश के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं। सिंह नीतीश के रेल मंत्री और मुख्यमंत्री रहते हुए उनके साथ काम कर चुके हैं। कौमी कपूर के कॉलम के अनुसार नीतीश और सिंह दोनों ही एक समुदाय कुर्मी से ताल्लुक रखते हैं और सिंह नीतीश के बहुत ज्यादा करीबी हैं। सिंह के आईएएस से रिटायर होने के बाद जेडीयू ने दो बार उनका नाम राज्यसभा के लिए नोमिनेट किया था। सिंह के अलावा जेडीयू के पूर्णिया सांसद संतोष कुमार को भी कोई मंत्री पद दिया जा सकता है।
आपको बता दें कि 19 अगस्त को मुख्यमंत्री आवास पर हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में जनता दल (युनाइटेड) ने एनडीए में शामिल होने के फैसले का प्रस्ताव पारित कर दिया था। बैठक में जद (यू) के सभी आमंत्रित सदस्य शामिल हुए थे। बैठक में भाग लेने पहुंचे झारखंड के जद (यू) प्रदेश अध्यक्ष जालेश्वर महतो ने कहा, “झारखंड की जद (यू) पूरी तरह नीतीश कुमार के साथ है। वहां शरद यादव की कोई चर्चा नहीं है। नीतीश कुमार का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के साथ जाने का फैसला बिल्कुल सही है।”
हालांकि जेडीयू को इस वक्त पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं की बगावत का सामना करना पड़ रहा है। राज्य सभा सांसद शरद यादव और अली अनवर नीतीश कुमार के फैसले के खिलाफ हैं। जेडीयू ने अली अनवर को पार्टी के संसदीय दल से सस्पेंड कर दिया है। जबकि पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव को राज्य सभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से हटा दिया है। इनके स्थान पर जदयू ने आरसीपी सिंह को राज्यसभा में पार्टी का नया नेता नियुक्त किया है। आरसीपी सिंह नीतीश कुमार के करीबी माने जाते हैं। सूत्रों के मुताबिक नीतीश खेमा अब राज्यसभा से इन दोनों नेताओं की विदाई चाहता है।