एजाज अली जड्डू
बहराइच
बैंगलोर व लखनऊ की हिंसा से सुर्खियों में आया पीएफआई (पीपुल फ्रंट ऑफ इंडिया) व एसडीपीआइ बहराइच में भी जड़ें मजबूत करने में जुटा हुआ है। वैश्विक महामारी में बेरोजगार युवाओं को प्रलोभन देकर नेपाल में बैठे संगठन के लोग भारत के सीमावर्ती गांवों के युवाओं को संगठन से जोड़ रहे हैं। हवाला के जरिए सक्रिय सदस्यों तक फंड पहुंचाया जा रहा है। संगठन के गिरफ्तार सदस्यों से मिले इनपुट ने सुरक्षा एजेंसियों की नींद उड़ा दी है।
भारत-नेपाल सीमा से सटे
बहराइच में दशकों पूर्व सिमी संगठन सक्रिय रहा। इस पर प्रतिबंध लगने के बाद सिमी से जुड़े लोगों ने पीएफआइ व एसडीपीआइ नामक संगठन नए सिरे से खड़ा किया है। कुछ माह पहले पीएफआइ का नाम सामने आ चुका है, लेकिन छह अगस्त को जरवल से तीन लोगों की गिरफ्तारी के बाद एसडीपीआइ (सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया) का नाम सामने आया है।
सूत्रों की माने तो संगठन को हवाला के जरिए आर्थिक मदद पहुंचाई जा रही है। इसका मुख्य नेटवर्क नेपाल के नेपालगंज में है। वहां से बैठकर लोग भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में जड़े मजबूत करने में जुटे हैं। देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए यह संगठन तैयार हो रहा है। यह खुलासा तीनों आरोपियों से पूछताछ में हुआ है। ————–
सउदी, दिल्ली व लखनऊ पहुंचाई जा रही रकम -युवाओं को आर्थिक मदद देकर संगठन से जोड़ने का प्रयास हो रहा है। यह रकम नेपाल के अलावा, सउदी अरब, दिल्ली व लखनऊ से हवाला के जरिए विदेशों से फंड की व्यवस्था की जा रही है।
———– आरोपित व सगे संबंधियों के बैंक खातों पर नजर -गिरफ्तार तीनों आरोपितों के बैंक खाते खंगाले जा रहे हैं। इनके सगे संबंधियों के भी बैंक खातों व संपत्तियों पर नजर रखी जा रही है।
————– नेपाल से साधा गया संपर्क, मुखबिरों को फैला जाल
दोनों संगठनों के नेपाल से भारत विरोधियों गतिविधियों को अंजाम देने के खुलासे के बाद सुरक्षा एजेंसियों नेपाल इंटेलिजेंस से भी संपर्क किया है। सीमावर्ती गांवों में मुखबिरों का जाल बिछाकर प्रांतों से लौटे युवाओं की रिपोर्ट तैयार की जा रही है। ————
यह संगठन सोशल मीडिया पर बहुत सक्रिय है। इस पर विशेष निगरानी रखी जा रही है। संगठन से जुड़े सभी बिदुओं पर पुलिस टीमें काम कर रही हैं।
-डॉ. विपिन कुमार मिश्र, एसपी