इंटरनेट डेस्क। आज़ादी के लिये लड़ने वाले और संघर्ष करने वाले मुख्य महापुरुषों में से जवाहरलाल नेहरु एक थे। आज़ाद भारत के पहले प्रधानमंत्री भी बने जवाहर लाल नेहरू की ही याद में हर साल 14 नवंबर को बाल दिवस मनाया जाता हैं। पंडित जवाहरलाल नेहरू, जिन्हें बच्चे ‘चाचा नेहरू‘ के नाम से भी जानते हैं का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ था।
जवाहरलाल नेहरु भारत के पहले प्रधानमंत्री और स्वतंत्रता के पहले और बाद में भारतीय राजनीती के मुख्य केंद्र बिंदु थे। वे महात्मा गांधी के सहायक के तौर पर भारतीय स्वतंत्रता अभियान के मुख्य नेता थे जो अंत तक भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए लड़ते रहे और स्वतंत्रता के बाद भी 1964 में अपनी मृत्यु तक देश की सेवा की।
वाजपेयी ने कही दिल जीतने वाली बात
मई 1964 में जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद अटल बिहारी वाजपेयी उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे। श्रद्धांजलि देने के बाद वाजपेयी ने कहा,”एक सपना अधूरा रह गया, एक गीत मौन हो गया और एक लौ बुझ गई। दुनिया भर को भूख और भय से मुक्त कराने का सपना, गुलाब की खुशबु और गीता के ज्ञान से भरा गीत और रास्ता दिखाने वाली लौ. कुछ भी नहीं रहा।”