नई दिल्ली NOI पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने नोटबंदी को मोदी सरकार का कुप्रबंधन बताते हुए प्रधानमंत्री से इसके लिए माफी की मांग की है। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि नोटबंदी एक ऐसा मामला है जो एनडीए सरकार के कुप्रबंधन, प्रशासनिक पंगुपन और भ्रष्टाचार का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि लोगों के सब्र का गलत मतलब निकाला गया कि वह नाराज नहीं हैं।
चिदंबरम ने वित्त मंत्री अरुण जेटली के उस दावे पर सवाल उठाया कि नोटबंदी का अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि टैक्स रेवेन्यू में बढ़ोतरी का जीडीपी ग्रोथ से किसी भी तरह का सीधा संबंध नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद आरबीआई ने कहा है कि जीडीपी ग्रोथ में 0.5 प्रतिशत की गिरावट आएगी। चिदंबरम ने कहा कि वित्त मंत्री को आरबीआई से सवाल करना चाहिए और आरबीआई उसका जवाब देगी।
पूर्व वित्त मंत्री ने सरकार के उस दावे पर भी सवाल उठाया कि नोटबंदी से टेरर फंडिंग बंद हुई है। चिदंबरम ने कहा कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि टेरर फंडिंग सिर्फ फेक करंसी में होती है। हकीकत तो यह है कि 30 सितंबर के बाद से हमने जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों के 33 जवानों को खोया है। चिदंबरम ने कहा कि 2015 के मुकाबले देश ने 2016 में दोगुने जवान खोया है। उन्होंने विपक्ष पर संसद में असहयोग के आरोप को भी खारिज किया।