दिल्ली, NOI । नोटबंदी के फैसले से सेकेंडरी बाजार के रियल एस्टेट बाजार में गिरावट आने जा रही है। वहीं ऊंची कीमत वाले बड़े मकानों के दाम भी गिरेंगे। लेकिन कम बजट वाले मकानों के दाम में गिरावट की बहुत गुंजाइश नहीं है। इसकी वजह है कि कम दाम के नए मकानों के अधिकतर ग्राहक बैंकों से कर्ज लेकर मकान खरीदते हैं और इस खरीदारी में कालेधन की कोई भूमिका नहीं होती है।
नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल (नरेडको) के प्रेसिडेंट प्रवीण जैन के मुताबिक जहां कही भी जितनी अधिक नगदी की संलिप्तता है वहां उतनी ही अधिक गिरावट आएगी। कई जगहों पर रजिस्ट्री की सर्किल दर बाजार दर के बराबर है, वहां गिरावट नहीं आएगी। लेकिन अगर सर्किल रेट 30 लाख रुपये है और बाजार में उस प्रोपर्टी की कीमत 60 लाख है तो ऐसी जगहों पर 20-25 फीसदी तक गिरावट आ सकती है।
कई खेती वाली जमीन की कीमतों पर भी फर्क पड़ेगा। प्राइमरी मार्केट में सेकेंडरी मार्केट के सेंटीमेंट से फर्क पड़ेगा। खरीदार सोचेगा कि प्राइमरी मार्केट में भी प्रोपर्टी की कीमत कम होगी और वह इसका इंतजार करेगा। ऐसे में रियल एस्टेट कंपनी को खरीदार को बाजार में लाने के लिए गिरावट लानी पड़ेगी।