शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI– लगता है कि प्राथमिक स्कूलों के शिक्षकों पर से अभी तक छुट्टी की खुमारी उतरी नहीं है। इसीलिये शिक्षक अभी स्कूल तक नहीं पहुंचे हैं। जिसके कारण छात्र-छात्राओं को स्कूल से वापस घर लौटना पड़ रहा है। शिक्षकों के स्कूल न आने से बच्चों को बैग और किताबें भी नहीं मिल पा रही है। शिक्षण सत्र शुरू हुये दो दिन बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी जिले के तमाम स्कूल हैं जिनका अब तक ताला नहीं खुला है। जिसके चलते स्कूल पहुंच रहे छात्र-छात्राओं को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है। खीरी जिले में ढाई सौ से ज्यादा स्कूलों में छात्र बिना शिक्षकों के ही पढ़ेंगे।
स्कूलों पर लगे ताले:-
दरअसल खीरी में 200 से ज्यादा स्कूलों पर ताले लटकने की नौबत आ गई है। जबकि सैकड़ों स्कूल एकल हो गए हैं। यह नौबत यूपी सरकार के ऑनलाइन तबादले नीति के बाद आई है। इसमें करीब साढ़े सात सौ शिक्षकों के अंतर्जनपदीय तबादले हो गए हैं। अब तक करीब 600 शिक्षक शिक्षिकाओं को गैर जनपद जिले में भेज दिया गया है। जबकि इसके बदले खीरी आने वाले शिक्षकों की संख्या महेज 30 ही है। कहां तो यह भी जा रहा है। कि अधिकारियों ने गैरजनपद स्थानांतरित शिक्षकों द्वारा किए गए मेडिकल दस्तावेजों को बिना परीक्षण कराये ही हरी झंडी दिखा दी है। इस नए बकायदा से प्राथमिक स्कूलों की दशा बिगड़ती जा रही है।
बीमार और दिव्यांग तक को हो गए शिक्षक:-
अंतर्जनपदीय तबादले के लिए शिक्षक गंभीर बीमार और दिव्यांग तक हो गए। बकायदा उन्होंने दस्तावेजों में प्रमाण पत्र भी लगाए हैं। विभागीय सूत्रों के मुताबिक जिलेभर में अधिंकाश शिक्षकों ने यह फार्मूला अपनाया है। जबकि इन शिक्षकों की नियुक्ति नवंबर 2015 के बाद की है। इस दौरान कभी इन शिक्षकों द्वारा गंभीर बीमारियां दिव्यांगता का प्रमाण पत्र देकर अवकाश नहीं लिया गया। ऐसे में अचानक गंभीर बीमारी और दिव्यांगता होने पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
आंख बंद करके किये गए तबादले:-
हैरत की बात यह है कि तबादले के लिए जब शिक्षकों द्वारा ऐसे दस्तावेज दिए गए तो अधिकारियों द्वारा इसका सत्यापन भी नहीं कराया गया और ना ही कोई कमेटी बनाई गई। अधिकारियों कि इस दरियादिली के कारण जिले में प्राथमिक शिक्षकों का अकाल सा पड़ गया। इतना ही नही शासन के निर्देश पर जिस समय ऑनलाइन आवेदन किए जा रहे थे। उस समय अधिकारियों ने यह कहकर अविवाहित शिक्षकों को आवेदन करने से मना कर दिया है। कि वह शासनादेश सिर्फ विवाहिता शिक्षकों के लिए है। जबकि पीलीभीत व अन्य जिलों से इसी नीति के तहत कई शिक्षकों ने यहां ज्वाइन भी किया है।
खोले जा रहे हैं सभी स्कूल:-
वही पूरे मामले में प्रभारी बीएसए अनुराग मिश्रा का कहना है कि जिले में सभी प्राथमिक स्कूल खोले जा रहे हैं। जहां पर शिक्षक नहीं है। वह पास के स्कूल के शिक्षकों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्राथमिक शिक्षकों का गैर जनपद शासन द्वारा दिए गए दस्तावेजों की जांच पड़ताल के बाद ही रिलीज किया गया है।