लखनऊ. आरजेडी चीफ लालू प्रसाद यादव रविवार को पटना के गांधी मैदान में भाजपा भगाओ, देश बचाओ’ रैली करेंगे। इस रैली को समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी संबोधित करेंगे। वहीं, बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती दो टूक कह चुकी हैं कि सीटों के बांटवारे से पहले वह कोई भी मंच साझा नहीं करेंगी। इस रैली का मकसद 2019 के आम चुनाव में एनडीए को चुनौती देने के लिए विपक्षी एकजुटता को मजबूत करना है।लालू की रैली का मकसद, 6 प्वाइंट्स…
1) रैली का मकसद
– आरजेडी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा- “रैली का एक मकसद विपक्ष को एकजुट करना है। 2019 के चुनाव में बीजेपी को सत्ता से दूर रखना है।”
2) रैली का एलान कब किया गया था?
– आरजेडी ने इस रैली का एलान तब किया था जब बिहार में महागठबंधन था। कांग्रेस-आरजेडी और जेडीयू की सरकार थी। 26 जुलाई को जेडीयू चीफ नीतीश कुमार ने सरकार से इस्तीफा देकर बीजेपी के साथ सरकार बना ली थी।
3) कितनी पार्टियां और कितने नेता इस रैली में शामिल होंगे?
– आरजेडी, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, झारखंड मुक्ति मोर्चा, झारखंड विकास मोर्चा, राष्ट्रीय लोक दल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी समेत करीब 16 पार्टियां शामिल हो सकती हैं।
– ये शामिल नहीं होंगे: सोनिया गांधी, और मायावती
– ये शामिल हो सकते हैं: ममता बनर्जी, अखिलेश यादव, गुलाम नबी आजाद, , तारिक अनवर, हेमंत सोरेन, बाबूलाल मरांडी, चौधरी जयंत सिंह, सुधाकर रेड्डी, और डी राजा जैसे और भी विपक्षी नेता शामिल हो सकते हैं।
4) सुरक्षा के लिए 5000 जवान तैनात
– रैली की सुरक्षा के लिए बिहार सरकार ने 5000 जवानों को तैनात किया है। शहर की ट्रैफिक व्यवस्था बहाल रखने के लिए एक हजार ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गई है।
– गांधी मैदान के पास स्थित बिस्कोमान भवन समेत दूसरे बिल्डिंग पर पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। गांधी मैदान और आसपास के सीसीटीवी कैमरों की रियल टाइम मॉनिटरिंग की जा रही है।
5) जेडीयू का कहना है?
– जेडीयू के जनरल सेक्रेटरी केसी त्यागी ने कहा कि शरद यादव को आरजेडी की रैली में नहीं जाने की हिदायत दी गई है। यदि वह इस रैली में जाते हैं, तो यह माना जाएगा कि उन्होंने पार्टी छोड़ दी है।
6) रैली में भीड़ जुटाने के लिए तेजस्वी ने की थी यात्रा
-के छोटे बेटे तेजस्वी यादव पिछले एक माह से रैली को सफल बनाने में जुटे हैं। रैली में ज्यादा से ज्यादा लोग जुटे इसके लिए तेजस्वी ने 9 अगस्त से जन आक्रोश यात्रा शुरू की थी। पश्चिम चंपारण से शुरू की गई इस यात्रा का मकसद लोगों को यह बताना था कि नीतीश ने बीजेपी के साथ सरकार बनाकर जनता के फैसले का अपमान किया है।