28 C
Lucknow
Tuesday, December 3, 2024

पढ़िए मुलायम सिंह यादव के जीवन का कुछ खास राज

कानपूर । मुलायम सिंह यादव का जन्म उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के सैफई में 22 नवम्बर, 1939 को हुआ था। इनके पिता का नाम सुघर सिंह और माता का नाम मूर्ति देवी है। मुलायम सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एम.ए) एवं जैन इन्टर कालेज करहल (मैनपुरी) से बी0 टी0 सी की शिक्षा हासिल की अाैर फिर एक इन्टर कालेज में अध्यापन कार्य शुरू किया।

कहते हैं मुलायम सिंह का राजनीतिक सितारा जब बुलंदियों पर था तो साधना गुप्ता उनकी जिंदगी में आई थी। दोनों की मुलाकात 1982 मेंं उस दौरान हुई जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष बने थे। उस वक्त साधना पार्टी में महज एक कार्यकर्ता के बतौर काम कर रही थी। बेहद खूबसूरत और तीखे नैन-नक्श वाली साधना पर जब मुलायम की नजर पड़ी तो वह भी बस उन्हें देखते रह गए। अपनी उम्र से 20 साल छोटी साधना को पहली ही नजर में मुलायम दिल दे बैठे थे। मुलायम पहले से ही शादीशुदा थे और साधना भी। साधना की शादी फर्रुखाबाद के छोटे से व्यापारी चुंद्रप्रकाश गुप्ता से हुई थी लेकिन बाद में वह उनसे अलग हो गईं। इसके बाद शुरू हुई मुलायम और साधना की अनोखी प्रेम कहानी।

80 के दशक में साधना और मुलायम की प्रेम कहानी की भनक अमर सिंह के अलावा और किसी को नहीं थी। इसी दौरान 1988 में साधना ने एक पुत्र प्रतीक को जन्म दिया। कहते हैं कि साधना गुप्ता के साथ प्रेम संबंध की भनक मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी को लग गई। मालती देवी के निधन के बाद साधना ने मुलायम पर उन्हें अपनी आधिकारिक पत्नी घोषित करने का दबाव बनाया, लेकिन पारिवारिक ख़ासकर अखिलेश यादव के चलते मुलायम इस रिश्ते को नाम देने से पीछे हट गए।

80 के दशक में साधना और मुलायम की प्रेम कहानी की भनक अमर सिंह के अलावा और किसी को नहीं थी। इसी दौरान 1988 में साधना ने एक पुत्र प्रतीक को जन्म दिया। कहते हैं कि साधना गुप्ता के साथ प्रेम संबंध की भनक मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी को लग गई। मालती देवी के निधन के बाद साधना ने मुलायम पर उन्हें अपनी आधिकारिक पत्नी घोषित करने का दबाव बनाया, लेकिन पारिवारिक ख़ासकर अखिलेश यादव के चलते मुलायम इस रिश्ते को नाम देने से पीछे हट गए।

1993-2007 के दौरान मुलायम के शासन में साधना गुप्ता ने अकूत संपत्ति बनाई। आय से अधिक संपत्ति का उनका केस आयकर विभाग के पास लंबित है। साल 2003 में अखिलेश की मां मालती देवी की बीमारी से निधन हो गया और मुलायम का सारा ध्यान साधना गुप्ता पर आ गया। हालांकि, मुलायम अब भी इस रिश्ते को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थे। मुलायम और साधना के संबंध की जानकारी मुलायम परिवार के अलावा अमर सिंह को थी। मालती देवी के निधन के बाद साधना चाहने लगी कि मुलायम उन्हें अपना आधिकारिक पत्नी मान लें, लेकिन पारिवारिक दबाव, ख़ासकर अखिलेश यादव के चलते मुलायम इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देना चहते थे।

2006 में साधना अमर सिंह से मिलने लगीं और उनसे आग्रह करने लगीं कि वह नेताजी को मनाएं। अमर सिंह नेताजी को साधना गुप्ता और प्रतीक गुप्ता को अपनाने के लिए मनाने लगे। साल 2007 में अमर सिंह ने सार्वजनिक मंच से मुलायम से साधना को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया और इस बार मुलायम उनकी बात मानने के लिए तैयार हो गए लेकिन अखिलेश इसके लिए कतई तैयार नहीं थे।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें