28 C
Lucknow
Wednesday, December 4, 2024

पति की विरासत बचाने के लिए विधवा की अंसारी बंधुओं के गढ़ में टक्कर!

लखनऊ,एजेंसी । यूपी में विधान सभा चुनाव 2017 का आगाज हो चुका है। तीन चरणों का मतदान हो चुका है चौथे चरण का मतदान आज हो रहा है।गाजीपुर का मुहमदाबाद विधानसभा अंसारी बंधुओं का गृह जनपद है। इसी विधानसभा में 2002 के चुनाव में भाजपा से कृष्णानन्द राय ने अंसारी बंधुओं को शिकस्त देकर चुनाव जीता था, यह हार अंसारी बंधुओं को रास नहीं आई इसी बीच विधायक की हत्या 29 नवम्बर 2005 को बसनिया चट्टी पर 7 लोगों ने कर दी थी इसमें मामले में अंसारी बंधु नामजद हैं। आज उसी विधायक की विधवा पत्नी अलका राय अपने पति की विरासत को बचाने के लिये तीसरी बार चुनाव मैदान में है।

सियासी जंग में खोया पति
‘थक गया समर तो रक्षा का भार मुझे दे दे, मै चंडी सी बन जाऊंगी अपनी तलवार मुझे दे दे’। जी हां कुछ ऐसी ही बात 2017 का चुनाव लड़ रही सियासी योद्धाओं की पत्नियां कहती दिख रही हैं, तो कुछ आज अपने पति को सियासी जंग में खो देने के बाद उनकी विरासत को बचाने के लिये तीर कमान संभाल लिया है। उन्हीं में एक है जनपद के मुहमदाबाद विधानसभा से भाजपा उम्मीदवार अलका राय। जो स्व. विधायक कृष्णानन्द राय की पत्नी हैं। उनके पति की हत्या के मामले में नामजद मुख्तार अंसारी जेल में सजा काट रहे हैं, अलका राय के मुकाबले में भी अंसारी बंधुओं के भाई शिवगतुल्ला अंसारी चुनाव में कड़ी टक्कर दे रहे हैं।
कृष्णानन्द राय ने दी थी अफजाल अंसारी को शिकस्त
अंसारी बंधु का अगर सफरनामा देखा जाय तो इस विधानसभा पर 1996 मे अफजाल अंसारी ने जीत हासिल की थी।

इसके बाद कृष्णानन्द राय ने अफजाल अंसारी को शिकस्त दी थी। लेकिन 29 नवम्बर 2005 मे उनकी हत्या हो जाने के बाद उपचुनाव 2006 मे अलका राय ने जीत हासिल की, 2007 मे फिर अंसारी बंधु ने फिर जीत हासिल की और सपा के टिकट पर शिवगतुल्ला अंसारी जीत गये। इस सीट पर शिवगतुल्ला अंसारी ने 2012 में भी कौमी एकता दल से जीत हासिल की।
नुक्कड़ सभा के जरिये मांगे वोट, इस बार का यूपी चुनाव में भी मुकाबला काफी दिलचस्प है। इस बार अलका राय अपने पति की विरासत के नाम पर चुनाव लड़ रहीं हैं, उन्होंने अपना प्रचार-प्रसार काफी जोर-शोर से किया। जगह-जगह लोगों से मिलना नुक्कड़ सभा करना उनकी दिनचर्या मे शुमार रहा। उन्हें इस बार उम्मीद है कि जनता उनका साथ देगी, अगर इस विधानसभा में आंकडे की बात करे तो भूमिहार एक लाख 5 हजार, हरिजन 70 हजार, यादव 57 हजार, मुस्लिम 32 हजार, अन्य एक लाख 29 हजार हैं। एक ओर जहां अलका राय ने अपनी विरासत और अंसारी बंधुओ के खात्मे के नाम लोगों से वोट मांगे तो वोटर भी इस बार खुलकर जाति-धर्म से ऊपर उठकर विकास के नाम पर वोट करने की बात कह रहा है, वोटरों के अनुसार पिछले 30 सालों से क्षेत्र विकास से कोसों दूर रहा है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें