लखनऊ, NOI । समाजवादी पार्टी विधानसभा चुनाव- 2017 में उम्मीदवारों की तीन सूचियां जारी कर चुकी है। लेकिन चंदौसी से विधायक लक्ष्मी गौतम का नाम शामिल नहीं किया गया है। दरअसल लक्ष्मी गौतम की प्रेम कहानी से नाराज होकर पार्टी हाईकमान ने इस बार उनका टिकट काट दिया।
प्रेम कहानी लक्ष्मी की जुबानी
लक्ष्मी ने बताया की फैजगंज बेहटा के प्राइमरी स्कूल में दिलीप टीचर थे, उस समय मै वहां शिक्षामित्र हुआ करती थीं। धीरे-धीरे दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगे। तो 2005 में हमने शादी कर ली। दरअसल मेरी की फैमिली पहले से ही राजनीति से जुड़ी थी। बाबा सरपंच थे, जबकि मां चुनाव लड़ चुकी थीं। हालांकि, मुझे राजनीति की जानकारी नहीं थी और न ही इंटरेस्ट। मेरे ससुराल वाले पहले से ही सपा से जुड़े थे। शादी के बाद उन्हें लगा कि मुझे राजनीति में उतारना चाहिए।
2012 के विधानसभा चुनाव में चंदौसी में सीट एससी की थी। पति बैकवर्ड थे, जबकि मैं एससी। मुलायम सिंह यादव से फैमिली की बात हुई। इसके बाद मुझे टिकट मिल गया, और जीत हासिल कर विधायक बन गई। लक्ष्मी ने बताया की विधायक बनने के बाद पति ने मेरे काम में हद से ज्यादा दखल देने शुरू कर दिया। लोगों पर मेरे पद का फायदा उठाकर खुद का रौब झाड़ने लगे। मेरे बजाय खुद को विधायक बताते थे।
बता दें, इसी बीच दिलीप ने लक्ष्मी पर किसी और के साथ प्रेम संबंध का आरोप लगाया था। दिलीप का आरोप में बताया की विधायक बनने के बाद लक्ष्मी के प्रेम संबंध मुकुल अग्रवाल नाम के शख्स से हो गए। लक्ष्मी और दिलीप के बीच अनबन इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि लक्ष्मी पति से अलग रहने लगी। 2013 में संपत्ति के मामले को लेकर लक्ष्मी अपने दलबल के साथ पति के घर पहुंचीं। यहां उन्होंने अपनी चप्पल से पति को सरेआम पिटाई भी की। बाद में पुलिस के दखल के बाद मामला शांत हुआ।
लक्ष्मी गौतम का कहना है- पति ने मुझे बदनाम करने के लिए आरोप लगाया था। मेरा किसी के साथ कोई संबंध नहीं था। वो मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे थे। दिलीप से तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी भी दी। अभी तलाक नही हुआ है, लेकिन हम अलग रह रहे हैं। मामला कोर्ट में चल रहा है। दो लड़कियां हैं, जो मेरे साथ ही रहती हैं।