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Friday, November 8, 2024

पहली बार मस्जिद जाकर दो निशाने साध गए प्रधानमंत्री मोदी, कांग्रेस चाहती है राहुल भी करें सैय्यदाना से मुलाकात!

भोपाल. मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। सभी सियासी दल चुनावी तैयारियों में जुटे हुए हैं, वहीं जातिगत समीकरण के लिए भी जोड़-तोड़ की जा रही है। शिया समुदाय के बोहरा समुदाय के मौजूदा सर्वोच्च धर्मगुरू सैय्यदना मुफ़द्दल सैफ़ुद्दीन मध्यप्रदेश के दौरे पर हैं। शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस समुदाय के मोहर्रम में होने वाली वाअज़ (प्रवचन) में शामिल हुए। विधानसभा चुनाव के नजारिए से भी इस दौरे को जोड़ा जा रहा है। जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने सैय्यदना को राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है।
चुनावी चंदा है निशाने पर
अगर वोटों के हिसाब से देखा जाए तो मध्यप्रदेश में बोहरा समुदाय की आबादी इंदौर, उज्जैन, श्योपुर और बुरहानपुर में ही है। प्रदेश में इनकी कुल आबादी करीब 4 लाख है। लेकिन बोहरा समुदाय की अहमियत उनके वोटों से ज़्यादा सैय्यदना से चुनावी चंदे के रूप में मिलने वाली नोटों की है। माना जाता है कि सैय्यदना अपने अनुयायियों से जुटाई गई धनराशि चुनावी चंदे के रूप में देते रहे हैं। जानकारी के अनुसार, सैय्यदना से पार्टियों को मिलने वाले चंदे का लेन-देन अघोषित तौर पर होता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस की कोशिश अपने अध्यक्ष राहुल गांधी को भी इस मंच पर लाने की है।
पीएम मोदी ने साधे दो निशाने
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर अक्सर मस्जिद नहीं जाने और मुस्लिम टोपी नहीं पहनने का आरोप लगता रहा है। चार राज्यों के विधानसभा चुनावों के ठीक बाद देश में आम चुनाव की भी उल्टी गिनती शुरू हो जाएगी। एससी-एसटी एक्स के विरोध में सर्वण भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के खिलाफ नारा बुलंद कर रहे हैं। वहीं, चुनावी साल में पीएम मोदी ने मस्जिद में जाकर यह संदेश दिया है कि वह मंदिर और मस्जिद में कोई फर्क नहीं रखते हैं बल्कि सभी धर्मों का आदर करते हैं। इससे पहले मोदी बतौर प्रधानमंत्री किसी भी मस्जिद में नहीं गए।
पंडित जवाहरलाल नेहरू भी ने की थी सैय्यदना से मुलाकात
देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 1960 के दशक में गुजरात के सूरत शहर में दाऊदी बोहरा समुदाय के एक शिक्षा संस्थान का उद्घाटन करने गए थे। इस दौरान उन्होंने 51वें सैय्यदना ताहिर सैफ़ुद्दीन से मुलाक़ात की थी। अगर बात की जाए सैय्यदाना की तो दूसरे धर्मगुरुओं के मुक़ाबले सैय्यदना का अपने समुदाय में अलग प्रभाव होता है। एक तरह से वे अपने समुदाय के शासक हैं।

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