नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली के गांधीनगर इलाके में 15 अप्रैल को रेप का शिकार हुई पांच साल की बच्ची से शनिवार यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी मिलने जाएंगी। बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत से लड़ रही है। सोनिया गांधी उसकी हालत का जायजा लेने एक बजे वहां पहुंचेगी।
इससे पहले बच्ची के आरोपी को पुलिस ने शुक्रवार देर रात बिहार के मुजफ्फरपुर से गिरफ्तार किया है। मुजफ्फरपुर पुलिस और एसटीएफ की साझेदारी से आरोपी को पकड़ना संभव हो पाया। आरोपी को शनिवार सुबह बिहार के एसडीजेएम कोर्ट में पेश किया गया और तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली के लिए रवाना कर दिया गया।
इस बीच, दिल्ली के एम्स में जहां गुड़िया (बदला हुआ नाम) का इलाज चल रहा है वहां लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इधर बच्ची अस्पताल में जिंदगी और मौत से जंग लड़ रही है।
सूत्रों ने बताया कि मनोज की हाल ही में शादी हुई थी और पेशे से वो एक दर्जी था। पुलिस ने उसे शुक्रवार देर रात उसके ससुराल से गिरफ्तार किया है। मनोज चिकनौटा गांव का रहने वाला है। पहले तो मनोज ने इस आरोप से साफ इन्कार करते हुए कहा कि वो वारदात के वक्त कमरे में ही नहीं था लेकिन बाद में उसने अपना जुर्म कबूल लिया। वहीं, जिंदगी और मौत से लड़ रही बच्ची का एम्स में इलाज चल रहा है। बच्ची की हालत नाजुक बताई जा रही है।
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस से मामले की रिपोर्ट तलब की है। शुक्रवार को जब ये मामले सामने आया तब अस्पताल में इंसाफ की आवाज उठाने वालों का तांता लग गया। ऐसे में जब अस्पताल के बाहर एक युवती बच्ची को एम्स भेजने की मांग कर रही थी तो अतिरिक्त पुलिस आयुक्त ने उसे थप्पड़ जड़ दिया। इससे युवती के कान से खून निकलने लगा। एसीपी बीएस अहलावत समेत दो और पुलिस कर्मी को निलंबित कर दिया गया है,लेकिन लोगों का गुस्सा कायम है। जांच में लापरवाही बरतने पर थाना प्रभारी व विवेचनाधिकारी को भी निलंबित कर दिया गया।
वहीं, केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कोई टिप्पणी करने से इन्कार करते हुए पुलिस आयुक्त नीरज कुमार से रिपोर्ट तलब की। मामले को तूल पकड़ता देख प्रधानमंत्री कार्यालय ने भी मामले में दखल दिया। घटना से आहत प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि वे इस घटना से बहुत विचलित हुए हैं। उन्होंने कहा कि सभी को अपने अंदर झांकना चाहिए। इस बुराई को जड़ से उखाड़ने की जरूरत है। वहीं विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने भी इस मामले पर कहा, ”बच्ची के साथ जिस तरह का सुलूक किया गया, उसे सुनकर मैं बहुत हैरान हूं। प्रदर्शनकारी युवती को थप्पड़ मारने वाले पुलिस अधिकारी को अपनी वर्दी पर शर्म आनी चाहिए।”
भाजपा नेता स्मृति इरानी ने भी इस घटना को शर्मनाक करार देते हुए इसे केंद्र सरकार की एक और हार कहा है।
गौरतलब है कि मजदूरी करने वाले माता-पिता की यह बच्ची 15 अप्रैल को लापता हो गई थी। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन पुलिस ने लापरवाही बरतते हुए मामले की जांच करने की जहमत नहीं उठाई। 17 अप्रैल को परिजनों को पास में भूतल पर स्थित एक कमरे से रोने की आवाज सुनाई दी। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने ताला तोड़ा तो वहां गुड़िया को खून से लथपथ पाया। उसे गंभीर हालत में स्वामी दयानंद अस्पताल में भर्ती कराया गया।
लोगों को जब इस दरिंदगी की जानकारी मिली तो वे बड़ी संख्या में दयानंद अस्पताल के बाहर विरोध जताने लगे। इसमें अरविंद केजरीवाल की पार्टी ‘आप’ के भी कार्यकर्ता शामिल थे। जब बच्ची का हालचाल लेने दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य मंत्री एके वालिया व सांसद संदीप दीक्षित अस्पताल पहुंचे तो उन्हें आक्रोशित भीड़ की धक्कामुक्की का शिकार होना पड़ा। बच्ची के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उन्हें दो हजार रुपये देकर अपना मुंह बंद करने के लिए कहा था।