28 C
Lucknow
Tuesday, January 21, 2025

पाक से निपट रही भारतीय सेना की ‘नजर’ चीन पर भी

नई दिल्ली: भारतीय सेना इस वक्त पाकिस्तान से लगे 778 किमी. के सीमावर्ती इलाके में अपना पूरा जोर लगा रही है। सेना पूरी ताकत के साथ पाकिस्तान की तरफ से पैदा किए जा रहे मुश्किलों से निपटने में जुटी है। वहीं, धीरे-धीरे ही सही चीन से सटे 4057 किमी. लंबी सीमा पर भी अपनी पैठ मजबूत कर रही है।
लगभग 13 लाख की संख्याबल वाले भारतीय सेना ने उत्तरी सीमाओं के पास फंड की कमी के बावजूद अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। चीन की सीमाओं से सटे इस क्षेत्र में सेना ने नए पर्वतों तक अपना सेकेंड डिविजन अभ्यास शुरू कर दिया है। वहीं लद्दाख में इस साल के एक उच्चस्तरीय युद्ध अभ्यास की भी योजना है। वहीं, सेना से जुड़े उच्चस्तरीय सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ’72 इनफेंट्री डिविजन जिसका हेडक्वॉर्टर पठानकोट में है को अगले 3 सालों में पूरी तरह से ऑपरेशनल बनाया जाएगा।’

सेना के सूत्र ने कहा, ‘फिलहाल शुरुआत में इसमें 1 ही ब्रिग्रेड रहेगी, लेकिन तीन साल में जब 72 इनफेंट्री डिविजन पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगा तो इसमें 3 ब्रिग्रेड होंगे। अगले 3 सालों में इसकी संभावना है।’ 17 माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स का विस्तार सेना ने जनवरी 2014 में ही शुरू किया है। चीन ने खिलाफ यह पहली बार किया जा रहा है। इससे पहले तक थ्री स्ट्राइक कॉर्प्स का प्रयोग मुख्य तौर पर पाकिस्तान के खिलाफ ही किया जाता रहा है।

आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पूर्व में हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को इस बारे में जानकारी दी थी। रावत ने बताया था कि 17 कॉर्प्स में दो उच्च स्तरीय इन्फेंट्री डिविजन होंगे। साथ ही तोपखाने, बख्तरबंद, एयर डिफेंस, इंजिनियर ब्रिग्रेड से लैस इसका विस्तार लद्धाख से अरुणाचल प्रदेश तक किया जाएगा। आर्मी चीफ के अनुसार, ‘इसके लिए 90,274 सैनिकों को तैनात किया जाएगा। 2021 तक इस प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा, जिसमें 64,678 करोड़ रुपए की लागत आएगी।’

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें