शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- पीलीभीत में आतंक का पर्याय बना चंदू नामक बाघ को नेपाल का जंगल काफी रास आ रहा है। इन जंगलों में नेपाल के कंचनपुर की पहाड़ी जंगल में चंदू ने अपना डेरा डाल रखा है। भारत सरकार के माध्यम से रोजाना चंदू की लोकेशन ट्रेस करने के बाद उसे दुधवा पार्क अधिकारियों तक पहुंचाया जा रहा है। चंदू बाघ किसी नेपाली शिकारी का शिकार ना बन सके इसको लेकर नेपाल ने वनाधिकारी उसकी सुरक्षा में लगे हुए हैं। चंदू के गले में लगी डिवाइस बराबर अपना काम कर रही है। इससे उसके हर मूमेंट पर कर्मचारियों की नजर चंदू पर बनी हुई है। पीलीभीत में एक युवती को अपना निवाला बनाने के बाद बाघ चंदू को पार्क प्रशासन ने पूरी तैयारी के साथ कुछ दिन पहले रेडियो कॉलर लगाकर दुधवा जंगल में छोड़ा गया था।
सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था और चंदू बाघ लगातार दुधवा पहुंचने वाले सैलानियों को नजर भी आ रहा था। चंदू लगातार सैटेलाइट कॉलर की वजह से वन विभाग की नजर में बना रहता था। 13 मार्च को चंदू थारू गांव सूरमा के पास देखा गया। जब ग्रामीणों ने उसे देखा तो मामले की जानकारी वन विभाग को दी तो पहले वन विभाग ने ग्रामीणों की बता को अफवाह बता दिया लेकिन जब चंदू बाघ जयनगर गांव निवासी एक ग्रामीण की जंगल में चल रही बकरियों को अपना निवाला बनाया तो इसके बाद वनविभाग सक्रिय हुआ। साथ ही इसकी पुष्टि तब हुई जब चंदू की लोकेशन जयनगर गांव के पास मोहाना नदी के किनारे ट्रेस हुई। आसान शिकार करने का आदि हो चुका चंदू भारत की सीमा से सटे नेपाल के गांव में जा पहुंचा था। करीब एक माह के ऊपर का समय हो चुका है।
तब से चंदू ने नेपाल के जंगल की पहाड़ियों को ही अपना ठिकाना बना रखा है। साथ ही नेपाली शिकारी को लेकर भारत सरकार के माध्यम से नेपाल के वनाधिकारी बराबर उस पर नजर रखे हैं। उसकी रोजाना की लोकेशन अधिकारी के माध्यम से पार्क अधिकारियों को पहुंचाई जा रही है। वही इस मामले में डीडी दुधवा टाइगर रिजर्व महावीर कॉजलगी ने बताया कि चंदू बाघ ने नेपाल के कंचनपुर पहाडो के जंगल में लोकेट किया गया है। भारत सरकार के माध्यम से उचित सुरक्षा को लेकर नेपाल के वन अधिकारी लगे हुए हैं। चंदू पूरी तरह से वहां सेफ है। रोजाना उसके मूमेंट की जानकारी मिल रही है।