दुधवा टाइगर रिजर्व में चल रही गैंडा पुनर्वास योजना फेज-2 की शुरुआत हो गई है।
शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- दुधवा टाइगर रिजर्व में चल रही गैंडा पुनर्वास योजना फेज-2 की शुरुआत हो गई है। विशेषज्ञों के साथ शिफ्टिंग के कार्य में लगी 80 लोगों की टीम ने पहले दिन 1 गैंडे को नए ठिकाने पर शिफ्ट किया। शिफ्ट किया गया गैंडा मादा है। विलराया रेज के भादी ताल के क्षेत्र में करीब 14. 2 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को ऊर्जा चरित बड़ा से घेरकर गैंडे का नया आशियाना पहले ही तैयार किया जा चुका था।
मंगलवार से इस नए घर में गैंडो को शिफ्ट करने का काम शुरु हो गया था। यह कार्य दुधवा टाइगर रिजर्व व डब्लू डब्लू एफ की टीमों की निगरानी में आधुनिक तकनीक किया जाना था। मंगलवार की सुबह आसाम विशेषज्ञों के साथ टीम सलूकापुर पहुंची। जहां पहले से ही चिन्हित गैंडो को ट्रकूलाइज करने के लिए अपना कार्य जारी कर दिया। डिप्टी डायरेक्टर महावीर कौजलगी ने बताया कि गैंडा को बेहोश कर उन को शिफ्ट करने का काम बहुत संवेदनशील और जोखिम भरा भी रहता है। इस वजह से मंगलवार को सिर्फ 1 गैंडा ही शिफ्टिंग हो सका।
इस मकसद से शुरू हुआ फेज टू फेस वन के अधिकांश एक ही नर गैंडे बाके की संतान माने जाते हैं।
ऐसे में अगर अनुवांशिक प्रदूषण फैलता है तो सभी का उस से ग्रसित होना तय था। ऐसे में दुधवा में गैंडा का खात्मा भी होने की आशंका थी। सालों पहले इसी की वजह से गैंडा पुनर्वास योजना का फेस 2 शुरू करने का निर्णय लिया गया था। जानकारों के मुताबिक गैंडा को दलदली इलाका काफी पसंद होता है। इसी को लेकर पार्क प्रशासन फेस-2 को लेकर अपनी खोज चालू कि जो विलराया के भादी ताल इलाके में आकर पूरी हुई। स्थान मिलने के बाद उन्हें सुरक्षा के मद्देनजर अब उन्हें तार फैचिसिंग से लैस कराया गया।
केवल 4 गैंडा ही शिफ्ट शूटिंग किए जाएंगे
गैंडो के नए आशियाने के लिए टीम ने 4 गैंडा को चिन्हित किया है। जो सभी खास है। पहली बात उनकी आयु ऐसी है। कि वह आसानी से साथी बन कर प्रजनन कर सकेंगे। दूसरा सभी अलग-अलग माता की संताने हैं। पहले चरण में केवल गैंडे ही शिफ्ट किए जायेगे।