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Sunday, October 13, 2024

पुलिस अधिकारी श्रेष्ठा ठाकुर बनी सेंटाक्लाज,क्रिसमस के मौके पर बांटे उपहार….

सेंटा क्लास बन जनपद की महिला पुलिस अधिकारी ने बच्चो व बुजुर्गों को क्रिसमस के मौके पर बनते तोहफे……..

बहराइच :(अब्दुल अजीज) NOI:-देश और प्रदेश सहित जनपद में क्रिसमस का पर्व धूमधाम से मनाया गया,इस मौके पर जहां लोग गिरजाघरों में पहुंच कर प्रार्थना करते है वहीं दूसरी तरफ बच्चो व गरीबो को सेंटा का भी बेसब्री से इंतजार रहता है कि वो आयेंगे और उन्हें गिफ्ट देंगे। ऐसे में अगर कोई पुलिस अधिकारी अचानक गरीब बच्चो के बीच सेंटा बन कर उनके बीच खुशियां बाटने पहुंच जाएं तो उनकी खुशी दुगनी हो जाती है।कुछ ऐसा ही नजारा प्रदेश के अति पिछड़े  जनपद बहराइच में देखने को मिला जहां के महसी तहसील के एक ग्राम में लेडी सिंघम के नाम से मशहूर रिसिया सी ओ श्रेष्ठा ठाकुर बच्चो के बीच क्रिसमस मनाने पहुंच गई इस मौके पर उन्होंने वहां बच्चो को बिस्किट व टॉफीयां बाँटी वही ठंड से ठिठुर रहे ग्राम के गरीब परिवार की महिलाओं व बुजुर्गों को शाल व कंबल देकर क्रिसमस के मौके पर सेंटाक्लॉज की भूमिका का किरदार अदा किया।

जिले की रिसिया सर्किल की सी ओ श्रेष्ठा ठाकुर आज क्रिसमस के मौके पर बीते दिनों बाढ़ से काफी प्रभावित रहे  महसी तहसील के  गोलागंज पहुँची तो उन्हें देखकर लोग अचंभित रह गए और ग्राम में बुजुर्गों व बच्चों की भीड़ लग गयी । कोई कुछ समझ पाता इससे पहले ही उन्होंने वहां मौजूद बच्चो को बिस्किट व टाफियां बांटनी शुरू कर दी । ये देखकर मासूम बहुत खुश हो गए । इसके बाद महिला पुलिस अधिकारी ने वहां मौजूद महिलाओं व बुजुर्गों को एक एक कर शाल व कंबल का उपहार दिया । जिससे  ग्राम वासियों  में खुशी की लहर दौड़ गयी । उनका कहना था कि अभी तक हमने क्रिसमस के पर्व पर सेंटाक्लॉज का नाम सुना था । जो कि लोगों को खुशियां बाँटता है । लेकिन आज इनके रूप में हमने सेंटा को भी देख लिया ।

इस मौके पर सीओ श्रेष्ठा ठाकुर ने बताया की बुलंदशहर से इस जिले में ट्रांसफर होने के बाद मेरी पहली पोस्टिंग महसी सर्किल में ही हुयी थी और उस समय हमने देखा था कि ये इलाका बाढ़ से काफी प्रभावित है। उस समय भी मैने यहां के लोगो के लिये जो हमारे स्तर से संभव हो सका था उनकी मदद करने का प्रयास किया था । आज जब क्रिसमस का पर्व आया तो हमे उनकी याद और परिस्थितियों की याद ताजा हो गयी सो इस मौके पर हर साल बाढ़ से प्रभावित होकर जीवन को जीने के लिए जद्दोजहद करने वाले ग्रामवासियों व उनके बच्चो के चेहरे पर मुस्कान देखने की चाहत हमे इनके बीच खींच लायी । 

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