सीतापुर-अनूप पाण्डेय, राहुल मिश्रा/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर में अवैध कारोबार व अवैध वसूली पर जहां एक ओर शासन रोक लगाने की बात कर रहा है वही लहरपुर कोतवाली पुलिस के संरक्षण में अवैध कारोबारियों का बोलबाला है। अवैध खनन का काम ईट भट्टों पर बड़े पैमाने पर हो रहा है और कोतवाली पुलिस इस खनन के नाम पर खनन के अवैध कारोबारियों से हजारों रुपए प्रतिदिन वसूल रही है पर जिम्मेदार मौन है । स्थिति इतनी बदतर हो गई है कि पूरी पुलिस प्रशासन व्यवस्था सवालों के घेरे में है। ऐसा नहीं है कि कोतवाली प्रभारी से लेकर जिले के अन्य अधिकारी इस हो रहे अवैध कारोबार से अनभिज्ञ हैं; बावजूद इसके इस अवैध खनन के कारोबार पर रोक न लग पाना पूरी कानून व्यवस्था को सवालों के घेरे में लाकर खड़ा कर देता है। गौरतलब है कि लहरपुर- सीतापुर मार्ग, लहरपुर- हरगांव मार्ग, लहरपुर -भदफर मार्ग, लहरपुर बिसवां मार्ग पर 2 दर्जन से अधिक ईट भट्टों पर शाम ढलते ही जेसीबी मशीनें धरती मां का सीना चीरने लगती हैं और फिर जेसीबी के माध्यम से ट्रैक्टर ट्रालियों में मिट्टी को भर कर एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाने का खेल शुरू हो जाता है, जो कि कोहरे की आड़ में सुबह 5:00 बजे तक चलता है। इस संबंध में क्षेत्रवासियों ने कई बार संबंधित उच्च अधिकारियों को शिकायती प्रार्थना पत्र भी भेजे हैं पर भ्रष्ट हो चुके सिस्टम के कान में जूं तक नहीं रेंगती। सूत्र बताते हैं कि एक रात खनन पर जेसीबी को चलाने के लिए₹10000 खनन माफिया कोतवाल को पहुंचाते हैं। हालांकि समय-समय पर खनन अधिकारी संजय प्रसाद द्वारा व उप जिलाधिकारी राम दरस राम द्वारा कार्रवाई भी की गई पर यह कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरे के समान रही है। कोतवाली पुलिस के संरक्षण में हो रहा यह अवैध खनन का काला कारोबार पूरे लहरपुर कोतवाली क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है।
क्या कहते हैं जिम्मेदार
इस संबंध में जब खनन अधिकारी संजय प्रसाद से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम अधिकारियों के पास पूरे जिले की जिम्मेदारी है। रात में कोई अवैध कारोबार ना हो इसका दायित्व पुलिस का बनता है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं मामले को संज्ञान में लेंगे और दोषी खनन माफियाओं के विरुद्ध तहसील प्रशासन के साथ मिलकर साझा अभियान चलाएंगे।