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Monday, January 20, 2025

पुलिस के हत्थे चढ़ा पुर्वाचंल का यादव- इसकी संपत्ति जान कई हार्ट अटैक न आ जाए


लखनऊ: दिल्ली एनसीआर में पिछले दिनों नोएडा अथॉरिटी में तैनात यादव सिंह नाम के धनकुबेर और उसके काले कारनामें को कौन नहीं जानता है। लेकिन अब नोएडा के यादव सिंह का मामला कहीं न कहीं थम चुका है और वह अपने कर्मों का फल भुगत रहा है, लेकिन इसके बाद अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश के चंदौली से एक एआरटीओ को गिरफ्तार किया गया है, जिसके पास इतनी संपत्ति है कि वह पुर्वाचंल के यादव सिंह के नाम से जाना जाता था।

हालांकि पुर्वाचंल के यादव सिंह के नाम से मशहूर एआरटीओ आरएस यादव पर अब शासन का शिकंजा कसता जा रहा है। दरअसल अवैध वसूली के आरोप में निलंबित होने के बाद गिरफ्तार किए गए यादव के काले कारनामों को ईडी और पुलिस खंगालने में लगी है। तो इधर यादव को अदालत ने 14 दिन के रिमांड पर भी भेज दिया है।

मामला यहीं नहीं थमता है, ताजा जानकारी के अनुसार आरएस यादव पर इनकम टैक्स विभाग ने भी शिकंजा कस दिया है, विजिलेंस विभाग से आरएस यादव की संपत्ति का ब्यौरा मांगा है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार जांच के बाद इनकम टैक्स नियमों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

आपको बता दें कि आरएस यादव के खिलाफ पड़े ​छापे के दौरान करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ, जिसके बाद हरकत में आए इनकम टैक्स विभाग ने आरएस यादव की संपत्ति का ब्यौरा मांगा है, हालांकि यादव के खिलाफ जांच कर रहे अधिकारियों के लिए ये बेहद कठीन सवाल है कि यादव के पास कितनी संपत्ति है।

गौरतलब हो कि रविवार को प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस की संयुक्त टीम ने यादव के वाराणसी के छावनी क्षेत्र में स्थित वीवीआईपी होटल वेस्टिन में छापेमारी की, इस दौरान पुलिस टीम के साथ एआरटीओ यादव भी मौजूद रहे। छापेमारी के दौरान आरएस यादव के कई बेनामी प्लॉट, नगदी के साथ चल-अचल संपत्ति का राज सामने आया। जांच के दौरान पता चला कि यादव ने अपने इस वीवीआपी होटल वेस्टिन का मालिक अपने ड्राइवर को बनाया हुआ था, जबकि खुद वह प्रबन्ध निदेशक हैं और उसका बेटा सीएमडी है।

अब आप सोच रहे होंगे कि एक सरकारी कर्मचारी जिसकी वेतन ज्यादा से ज्याद 50-60 रुपये होगी, उसके पास अरबों की संपत्ति कहा से आई। इस सवाल के जवाब के लिए अभी थोड़ा इंतजार करना होगा लेकिन अभी तक के हुए खुलासे के अनुसार बताया जाता है कि वह पांच बड़ी ट्रांसपोर्ट कंपनियों के ढाई हजार ओवरलोड ट्रकों को अपने सेटिंग से चन्दौली बिहार बार्डर नौबतपुर चेकपोस्ट से पास कराते थे।

इस अवैध धंधे के एवज में यादव एक ट्रक से करीब 7000 रुपये की वसूली करवाता था। इसके अलावा रोजाना करीब सैकड़ों ओवरलोड ट्रकों से भी वसूली करवाता था। यादव का यह धंधा कई सालों से चला आ रहा था, हालांकि इस बीच इनके खिलाफ शिकायत भी की गई, लेकिन प्रदेश की पिछली सरकारों की कान पर जू तक नहीं रेंगी, हालांकि अब प्रदेश की नई सरकार जिसने बदलाव की कसम खा रखी है, लिहाजा ऐसे धनकुबेरों का पर्दाफाश हो रहा है।

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