लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव के पांच चरणों का चुनाव हो चुका है, छठें और सातवें चरण का चुनाव क्रमश: 4 और 8 मार्च को होना है। छठें और सातवें चरण के चुनाव के लिए कुछ जिले ऐसे हैं जहां के चुनाव का परिणाम मुस्लिम वोटरों पर निर्भर करता है। खास तौर से आजमगढ़, मऊ, बलिया और गाजीपुर ऐसे जिले हैं जहां पर मुस्लिम वोटर ही निर्णायक माने जाते हैं।
इस क्षेत्र की 28 विधानसभा सीटों में से ज्यादातर पर त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है। द इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, गैर यादव ओबीसी वोटरों का रुझान बीजेपी की तरफ माना जा रहा है। बीएसपी जहां राजभर, बिंद और लोनिया जैसी अति पिछड़ी जातियों के वोट गंवाती नजर आ रही है वहीं शुरुआती संकेतों के मुताबिक, बीएसपी मुस्लिम वोटों के जरिए इसकी भरपाई करती नजर आ रही है।
बीएसपी को आजमगढ़ की स्थानीय राजनीतिक इकाई उलेमा काउंसिल से भी समर्थन मिल रहा है। साथ ही मऊ, बलिया और गाजीपुर में अंसारी बंधुओं के प्रभाव के कारण भी बीएसपी को मुसलमानों के वोट मिलने की संभावना है।
अलग-अलग विधानसभा सीटों पर बीएसपी के मुस्लिम आधार में संभावित ग्रोथ के मद्देनजर पार्टी ऐसी ज्यादातर सीटों पर राजनीतिक रूप से बेहतर स्थिति में हो सकती है, जहां त्रिकोणीय मुकाबला चल रहा है। 2012 के विधानसभा चुनावों में इस इलाके की कई सीटों पर बीएसपी मामूली अंतर से हारी थी। लिहाजा, मुसलमान वोटरों के समर्थन में संभावित बढ़ोतरी इन तमाम सीटों पर बीएसपी के लिए काफी मायने रखती है।
आपको बता दें कि उलेमा काउंसिल के नेता आजमगढ़ में बीएसपी के पक्ष में जबरदस्त प्रचार कर रहे हैं। उलेमा काउंसिल ने इस बार चुनाव में अपना उम्मीदवार नहीं उतारा है। काउंसिल के चीफ आमिर रशादी ने कहा कि इस चुनाव में हम सपा और कांग्रेस गठबंधन का कोई भविष्य नहीं देखते। सपा में मुस्लिम नेतृत्व की ग्रोथ के लिए कोई गुंजाइश नहीं है। रशादी गोरखपुर और वाराणसी में भी बीएसपी उम्मीदवारों का प्रचार कर रहे हैं।
आजमगढ़ जैसे जिलों में बीएसपी को उलेमा काउंसिल का समर्थन मिलना राजनीतिक तौर पर काफी अहम है। उलेमा काउंसिल ने 2012 में आजमगढ़ की 9 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे। 2012 में समाजवादी पार्टी की लहर के बाद भी बीएसपी के उम्मीदवार ने आजमगढ़ की मुबारकपुर सीट से जीत हासिल की थी। वहीं आजमगढ़ की दीदारगंज सीट से उलेमा काउंसिल के कैंडिडेट भूपेंद्र सिंह मुन्ना ने करीब 8000 वोट हासिल किए थे।
बीएसपी ने इस बार मुन्ना को आजमगढ़ सदर सीट से प्रत्याशी बनाया है। अंसारी बंधुओं का साथ मिलने से गाजीपुर, मऊ और बलिया में बीएसपी को मुसलमानों के बीच पैठ बढ़ाने में मदद मिल सकती है।