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Thursday, January 16, 2025

पूर्व CM अखिलेश यादव दो साल से योगी आदित्यनाथ को क्यों बचा रहे थे

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लखनऊ । यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हमेशा ये कहा कि वो अल्पसंख्यकों के लिए काम कर रहे हैं. चुनाव प्रचार के लिए भी उन्होंने इस बात पर बहुत जोर दिया था. कहा कि सांप्रदायिकता को लेकर बहुत सीरियस हैं, पर उनके पास योगी आदित्यनाथ की भी एक फाइल थी जिसमें सांप्रदायिकता का ही आरोप था. दो साल से पुलिस उस पर कार्रवाई के लिए मांग कर रही थी. पर अखिलेश यादव ने ऑर्डर नहीं दिया. इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई. अब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बन गए हैं. तो इस मामले में नया मोड़ आ गया है।
नए मुख्यमंत्री ने सारे विभागों का बंटवारा कर दिया है. अपने पास उन्होंने 37 विभाग रखे हैं. इसमें होम मिनिस्ट्री भी है. यूपी में गुंडाराज होने का आरोप लगता रहा है. तो होम मिनिस्ट्री होने से आदित्यनाथ पर गंभीर जिम्मेदारी है. पर इसमें एक पेच है।
होम मिनिस्ट्री में योगी आदित्यनाथ की ही एक फाइल है. पुलिस ने इस केस से जुड़े आरोपियों पर बहुत पहले केस चलाने की मांग की थी. इस केस में गोरखपुर सदर के विधायक राधामोहन दास अग्रवाल और भाजपा से राज्यसभा सांसद शिव प्रताप शुक्ला भी आरोपी हैं योगी आदित्यनाथ के अलावा. ये आरोप 2007 में गोरखपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ा है।
पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक 26 जनवरी 2007 को कुछ लोगों ने एक औरत को मोलेस्ट किया था. इसके बाद मामला सांप्रदायिक बन गया था. क्योंकि छेड़छाड़ के बाद पुलिस के मुताबिक वो लड़के मुहर्रम के जुलूस में शामिल हो गए. इसी बीच फायरिंग हो गई और हिंसा फैल गई. पर पुलिस ने एफआईआर नहीं दर्ज की, एक पत्रकार परवेज ने बहुत कोशिश की तो हाई कोर्ट के कहने के बाद 26 सितंबर 2008 को पुलिस ने एफआईआर दर्ज की. इसी एफआईआर में कहा गया था कि योगी आदित्यनाथ ने हिंसा भड़काने वाले भाषण दिए थे. कहा था कि हिंदू लड़के की मौत के बाद बदला लिया जाएगा. आरोप के मुताबिक अग्रवाल और शुक्ला भी योगी के साथ मौजूद थे. पत्रकार के दावों के मुताबिक उसके पास इस घटना के वीडियो फुटेज भी हैं।
ये तो हो गई आरोप की बात. पर ये दर्शनीय सीन होगा कि योगी आदित्यनाथ के सामने उनकी ही फाइल पड़ी होगी. हालांकि अगर नैतिकता की बात करें तो जांच चलने तक मुख्यमंत्री को वो फाइल छूनी ही नहीं चाहिए. जांच करा लेनी चाहिए इंडिपेंडेंट लोगों से. या फिर उनको होम मिनिस्ट्री अपने पास रखनी ही नहीं चाहिए. क्योंकि योगी आदित्यनाथ ने खुद ही बलरामपुर की तुलसीपुर विधानसभा के विधायक पर अनियमितता का आरोप लगने पर उनको अगले चुनाव में टिकट नहीं दिलवाया था. तो इस नाते देखना होगा कि मुख्यमंत्री क्या करते हैं इस मामले में. आज वो पुलिस व्यवस्था का निरीक्षण कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि कानून व्यवस्था बिगड़ने नहीं दी जाएगी।

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