नई दिल्ली। पेट्रोल और डीजल की बढी कीमतों को लेकर देशभर में सरकार की आलोचना हो रही है। इसी बीच खबर आ रही है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी दायर में लाने पर विचार किया जा रहा है। केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोलियम उत्पाद को जीएसटी (गुड्स और सर्विस टैक्स) के दायरे में लाने को लेकर कहा कि ये फैसला जीएसटी कमिटी करेगी।
प्रधान ने कहा है कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने से उपभोक्ताओं को ज़्यादा लाभ मिलेगा। केंद्रीय मंत्री प्रधान शनिवार को दशहरा के मौके पर पंजाब पहुंचे थे। जिसके बाद मीडिया से बात करते हुए उन्होंने ये बात कही।
उन्होंने कहा, धीरे-धीरे पेट्रोलियम उत्पादों के दाम स्थिर होंगे। राज्य सराकर और केंद्र सरकार की मदद से इस मामले को जीएसटी काउंसिल में ले जाया जाएगा। जिससे की उपभोक्ताओं को ज़्यादा से ज़्यादा लाभ मिल सके।
प्रधान ने कहा, पीएम मोदी के नेतृत्व में देश निर्णायक मोड़ की तरफ पहुंच रहा है। भ्रष्टाचार के खिलाफ गंभीर लड़ाई शुरू की गई है। जो रावण से लडऩे जैसा ही है। भारत विकासशील देश है, आगे और भी विकास होगा।
ज़ाहिर है अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में कच्चे तेल के दाम में भारी गिरावट के बावजूद जिस तरह से देश के अंदर मंहगे दामों पर डीजल और पेट्रोल बेचे जा रहे हैं उसको लेकर मोदी सरकार की हाल में बहुत किरकिरी हुई है। सभी ने इस मामले को काफी जोर-शोर से उठाया कि जब सभी सामान पर जीएसटी लागू है तो पेट्रोलियम पदार्थों पर ये क्यों नहीं लागू किया जा सकता।