लखनऊ,NOI। – पैगम्बर पर विवादित बयान देकर चर्चा में आए हिंदू वादी नेता कमलेश तिवारी ने पीएम मोदी से अपील करते हुए कहा की अगर छ महीने के अंदर संसद में राम मंदिर निर्माण को लेकर कानून नहीं बना तो छ दिसंबर 2017 को हम रामजन्मभूमि से तिरपाल हटाकर राम मंदिर निर्माण शुरू कर देंगे।
हिंदू समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमलेश तिवारी का कहना है कि सरकारों को बहुत देख लिया और राम मंदिर के लिए हिंदुओं ने काफी इंतजार किया। अब एक जन आंदोलन राम मंदिर निर्माण के लिए खड़ा किया जाएगा, जिसकी शुरुआत 23 अप्रैल से अयोध्या में होगी।
उन्होंने आगे बताया कि 23 अप्रैल को अयोध्या में राम की पैड़ी से रामजन्मभूमि तक संकल्प मार्च निकाला जाएगा. इस मार्च में देशभर से साधु-संत जुटेंगे और देश की संसद से राम मंदिर बनाने की मांग रखेंगे.
संकल्प मार्च पीएम मोदी के लिए अल्टीमेटम
तिवारी ने कहा की ये संकल्प मार्च पीएम मोदी और बीजेपी के लिए अल्टीमेटम है। यूपी में बीजेपी की जीत क्यों हुई है, ये उन्हें देखन होगा। हम संकल्प मार्च शांतिपूर्वक करेंगे.साथ ही प्रशासन को पीएम मोदी के नाम एक ज्ञापन देंगे।
कमलेश ने आगे कहा की हम अभी मोदी सरकार को 6 महीने का समय राममंदिर निर्माण के लिए जरूरी कानून बनाने के लिए देंगे। इस बीच हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। अगर इस दौरान कोई कानून नहीं बना तो मंदिर निर्माण के लिए सभी हिंदू खुद अयोध्या में इकठ्ठा होंगे और कारसेवा करेंगे. तब न कोर्ट के फैसले का वेट करेंगे, न ही कानून की फिक्र होगी।
कौन है कमलेश तिवारी ?
बता दें, कमलेश तिवारी अखिल भारतीय हिंदू महासभा का कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष रह चुका है। 2015 में उसने गोडसे का मंदिर बनाने का एलान किया था। वहीं, पैगम्बर पर विवादित बयान देकर 11 महीने के लिए उसे जेल भी भेजा गया।