गुरुग्राम (आदित्य राज)। प्रद्युम्न हत्याकांड की आंच रेयान इंटरनेशनल स्कूल के शुभचिंतकों से लेकर एसआइटी तक पहुंचने वाली है। सीबीआइ यह भी पता लगाने का प्रयास करेगी कि हत्याकांड के बाद प्रबंधन ने किन-किन शुभचिंतकों से संपर्क साधा। किस शुभचिंतक मामले को लेकर क्या सुझाव दिए। किसने हत्या के बाद खून साफ करने का सुझाव दिया था। यही नहीं एसआइटी में शामिल अधिकारियों से भी पूछताछ कर सकती है।
आरोपी छात्र की रिमांड अवधि समाप्त होते ही सीबीआइ इन सभी पहलुओं पर जांच शुरू कर सकती है। सोहना रोड गांव भोंडसी के नजदीक स्थित रेयान इंटरनेशनल स्कूल की दूसरी कक्षा के छात्र प्रद्युम्न की गला रेतकर हत्या स्कूल के ही बाथरूम में आठ सितंबर को कर दी गई थी।
हत्या के बाद जिस तरीके से स्कूल के बच्चों से ही आनन-फानन में खून साफ कराने का प्रयास किया गया, इससे अंदेशा है कि प्रबंधन को किसी शुभचिंतक ने साक्ष्य मिटाने का सुझाव दिया होगा। इस तरह के मामले में कभी भी जल्दबाजी नहीं की जाती है।
पुलिस के आने का इंतजार किया जाता है। बाथरूम में सब सहायक अशोक के साथ ही एक छात्र भी था। यह बात शुरू में ही क्यों नहीं सामने आई। अशोक को ही क्यों आरोपी मान लिया गया जबकि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर सीबीआइ कह रही है कि कैमरे में छात्र को भी बाथरूम में जाते देखा गया है।
इस तरह प्रबंधन के कुछ शुभचिंतकों से लेकर एसआइटी के ऊपर भी आंच आ सकती है। एसआइटी पूरी तरह घेरे में इसलिए है क्योंकि जब शुरू से ही परिजनों से लेकर आम लोग तक यह आशंका जता रहे थे कि हत्यारा अशोक नहीं कोई और है, फिर किसी और की तलाश क्यों नहीं की गई।
जिस छात्र से सीबीआइ ने लगभग आठ बार पूछताछ की उससे एसआइटी ने पूछताछ करना मुनासिब क्यों नहीं समझा? ये ऐसे सवाल हैं जो पुलिस को बेशक परेशान करें, लेकिन अगर सीबीआइ को सही परिणाम देना है तो इनकी पड़ताल हर हाल में करनी ही पड़ेगी।