28 C
Lucknow
Thursday, September 12, 2024

प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा आया सामने।

शरद मिश्रा”शरद”
लखीमपुर खीरी:NOI- भरे ही सरकार लोगो जो को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने का प्रयास करे लेकिन चंद पैसों के खातिर सरकार की तमाम योजनाओं में पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। कुछ ऐसा ही मामला प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। सदर ब्लाक की भंसाडिया ग्राम पंचायत में 8 ऐसे अपात्रों को आवास दे दिया गया। जिनके पास ट्रैक्टर सहित अन्य संसाधन मौजूद हैं। सेक्रेटरी ब्लॉक के अधिकारियों की लापरवाही से इनको पैसे भी दे दिया गया। और जब मामला बड़े अफसरों तक पहुंचा तो जांच शुरू हुई। बीडीओ ने जांच कमेटी बनाकर जांच कराई। तो जांच 8 अपात्र मिले। इनको दिए गए 4 लाख 70 हजार रुपए की 15 दिन में रिकवरी करने और लापरवाही पर सेक्रेटरी को निलंबित की स्तुति की गई है।
बताते चले कि ग्राम पंचायत भंसाडिया में वर्ष 2016- 17 और2017- 18 में कुल 77 लाभार्थियों को आवास आवंटित हुए थे। आवास की किस्त भी उनके खाते में भेजी गई थी। इसमें तमाम अपात्र लाभार्थियों को आवास देने की शिकायत हुई। बाद में मामले की जांच शुरू हुई। उपायुक्त मनरेगा ने गांव जाकर जांच की और उन्होंने 14 अपात्रों को आवास देने की जांच रिपोर्ट दी। इसके बाद सीडीओ ने इस मामले में एक जांच टीम गठित कि इसमें परियोजना निदेशक रामकृपाल चौधरी एईडीआरडीए रमेश चंद्र गुप्ता बीडीओ नकहा संतोष कुमार की टीम ने गांव में जाकर जांच की टीम ने जांच में 8 अपात्र मिले। इनमें से हबीब से 40 हजार और सुमिता देवी से 70 हजार की धनराशि वापस की गई। परियोजना निदेशक ने बताया कि जांच के दौरान ग्राम पंचायत अधिकारी रामआसरे भी मौजूद रहे। उन्होंने बताया कि मामले में अपात्रों को दिए गए कुल 4 लाख 70 हजार रुपए की वसूली करके योजना के अकाउंट में जमा कराना होगा। जियो टैगिंग के दौरान लापरवाही करने वाले सेक्रेटरी पर भी होगी कारवाही होगी।अलग-अलग जांच रिपोर्ट पर भी उठे सवाल गांव में किसी तरह से जांच होती है। इस पर भी सवाल उठता है। शिकायत पर जांच कराई तो 3 अपात्र मिले। इसमें वसूली की प्रक्रिया चल रही थी। इस मामले में जांच डीसी मनरेगा को दी गई। उन्होंने जांच की तो उनकी जांच रिपोर्ट मिलने परियोजना निदेशक के नेतृत्व में टीम ने गांव गांव जाकर सत्यापन किया। और लोगो से भी जा कर मिले। जिसमें जांच रिपोर्ट पर भी सवाल उठ रहे हैं। फिलहाल इस मामले में सेकेट्री दोषी पाए गए हैं। वही पूरे मामले में परियोजना निदेशक रामकृपाल चौधरी ने बताया कि जांच टीम भंसाडिया के आवास लाभार्थियों का सत्यापन किया। इसमें 8 अपात्र मिले हैं। जिनमें कई के पास टैक्टर आदि भी है। अपात्रों से वसूली के लिए ग्राम पंचायत अधिकारी को 15 दिन का समय दिया गया है। उन्होंने महत्वपूर्ण योजना में लापरवाही कर आपात्र को आवास दिया है। ग्राम पंचायत अधिकारी रामआसरे के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें