सीतापुर-अनूप पाण्डेय/NOI-उत्तत्प्रदेश जनपद सीतापुर में भीषण सर्दी और सीतापुर में हो रही है अलाव जलाने के नाम पर खानापूर्ति: जिम्मेदार जानबूझकर बने अनजान।सीतापुर भयानक सर्दी ठंड से कांप रहे लोक और पशु पक्षी है बेहाल ऐसी सर्दी में सफर करना तो दूर घर से निकलना भी मुश्किल ही नहीं महा मुश्किल हो रहा है किंतु फिर भी कुछ विशेष कार्य एवं कुश प्रस्तुतियों से लोगों को घरों से निकलना ही पड़ रहा है। हालांकि ऐसी सर्दी में सरकार की तरफ से शहर के तमाम चौराहे और बस स्टैंड एवं रेलवे स्टेशनों के पास अलाव की व्यवस्था की जाती है जिससे नगरवासी एवं यात्री ठंड से बचाव कर सकें मगर जनपद सीतापुर के अलाव का मामला ही कुछ और है यहां अलाव जलाने के नाम पर मात्र खानापूर्ति की जाती है। अलाव जलाने की जिम्मेदारी नगर पालिका की तरफ से की जाती है जिसकी देखरेख जनपद सीतापुर के अपर जिला अधिकारी विनय पाठक द्वारा की जा रही है। विनय पाठक कई बार अलाव की स्थिति को भी देखा है मगर देख कर भी अनजान बनने रहते हैं। और सब कुछ दुरुस्त है यह अपनी काजी घोड़ों में दौड़ाया करते हैं किंतु हकीकत तब सामने आई जब आज अपने पैतृक गांव से राष्ट्रीय लोक दल के नेता प्रवीण कुमार सिंह सीतापुर रोडवेज बस अड्डे पर बस द्वारा पहुंचे वहां पर देखा कि खजूर की पट्टियों से अलाव जलाने की रस्म निभाई की जा रही थी जहां पर कोई आग तो नहीं थी किंतु खजूर की कुछ लकड़ी नुमा जरूरत पड़ी थी जिनका जलने का कोई मतलब ही नहीं। राष्ट्रीय लोक दल के नेता प्रवीण कुमार सिंह को वहां के कुछ स्थानीय लोगों ने देखा तू अपनी जिज्ञासा लेकर उन तक पहुंचे और अलाव के संबंध में बात कही जिससे प्रवीण कुमार सिंह को जनता का दर्द समझने में अधिक समय ना लगा और उन्होंने तत्काल सदर एसडीएम अमित भट्ट से दूरभाष पर वार्ता की किंतु सदर एसडीएम किसी मीटिंग में व्यस्त होने के कारण बात नहीं कर सके जिस पर सिटी मजिस्ट्रेट को फोन लगाया जिन्होंने यह बताया कि अलाव की व्यवस्था सीतापुर के अपर जिला अधिकारी विनय पाठक के नेतृत्व में चल रहा है इस पर प्रवीण कुमार सिंह ने समय ना गवाते हुए तत्काल अपर जिला अधिकारी विनय पाठक से दूरभाष पर वार्ता की और अलाव के स्थिति से अवगत कराया जिस पर अपर जिला अधिकारी ने शीघ्र ही समस्त स्थानों पर अलाव व्यवस्था दुरुस्त कराने का आश्वासन दिया इसके पश्चात श्री सिंह ने जनता को अति शीघ्र लाभ जलने का आश्वासन देकर अपने आवास के लिए प्रस्थान किया। अब देखना है नेता द्वारा की गई वार्ता का कोई असर होता है और अलाव में कोई आ जाती है या यूं ही आगे भी केवल अलाव के नाम पर खानापूर्ति अधिकारियों द्वारा की जाती रहेगी