सीतापुर-अनूप पाण्डेय, राकेश पाण्डेय/NOI-उत्तरप्रदेश जनपद सीतापुर के हरगांव क्षेत्र की धरोहर व हिन्दुओं की आस्था से जुडे प्राचीन सूर्य कुण्ड तीर्थ में मछलियों के अचानक मरने की खबर फैलने से नागरिकों में जिम्मेदारों के प्रति आक्रोश देखने को मिला । इस सन्दर्भ मेश्रद्धालुओं का आरोप है कि प्राचीन पौराणिक तीर्थ में- से लगभग 10 वर्षों से जल नहीं निकाले जाने व समुचित सफाई व उचित देख भाल न होने के कारण जल प्रदूषित होने जाने से मछलियों की मौत हुई है। वहीं अधिकतर लोगों का मानना है कि चीनी मिल हरगांव द्वारा प्रदूषित पानी इधर उधर डालने के कारण हुये रिसाव से प्रदूषित पानी तीर्थ में पहुंच जाने से तीर्थ का जल प्रदूषित हो जाने के बाद मछलियों की मौत हुई है इस पर जिम्मेदार लोग चुप्पी साधे हुये हैं । वैसे तीर्थ से गन्दे जल की निकासी का कोई रास्ता नहीं है । जबकी पवित्र श्रावण माह में दसियों हजार की संख्या में कांवरिया आकर तीर्थ से जल लेकर प्रसिद्ध बाबा गौरी शंकर भोले नाथ का जलाभिषेक करते हैं ।साफ सफाई व देखरेख के अभाव में तीर्थ का जल इतना प्रदूषित /जहरीला हो चुका है कि लगभग दस दस किलो की सैकड़ों मछलियों की मौत हो गई । सूचना दिये जाने के बाद भी कोई मत्स्य विभाग का जिम्मेदार कर्मचारी अधिकारी देखने नहीं आया जो मरी हुई मछलियों की पडताल कराकर मौत के कारणों को उजागर कर देता। जल जहरीला हो जाने से श्रद्धालुओं का आरोप है कि वर्तमान में आचमन करने से भी लोग गुरेज कर रहे हैं तीर्थ में काफी अधिक काई लगी हुई है इस काई के कारण तीर्थ के जल स्तर तक पहुंचने के लिये हर समय किसी अनहोनी घटना घटित होने की सम्भावना बनी रहती है। इस बाबत सभासद प्रतिनिधि सुभाष चंद्र जोशी से जब बात की गयी तो उन्होंने पूरा का पूरा आरोप सरकार पर मढ दिया और उन्होंने कहा कि कोई अतिरिक्त फंड नगर पंचायत को शासन से नहीं मिलता जिससे तीर्थ के दूषित जल को तीर्थ से बाहर निकला जा सके । सबसे हास्यास्पद बात यह रही कि जब मछलियों के मरने की सूचना मन्दिर के महन्त द्वारा नगर पंचायत अध्यक्ष गफ्फार खां को दी गयी तो उन्होंने छूटते ही पूछा की क्या मौके पर सुभाष पहुंच चुके हैं या नहीं । वर्तमान में हिन्दुओं की आस्था का प्रतीक एक मात्र पौराणिक स्थल बाबा गौरी शंकर मंदिर में व मन्दिर परिसर में लगे ट्यूबवेल से बिजली का करंट उतरना सबसे खतरनाक है। इस बाबत जब पुजारी से पूछा तो वह मंदिर की छत के ऊपर ले गया जहां का नजारा बहुत ही भयावह था मंदिर की छत पर पडी बिजली की लाइन के सारे तार नंगे खुले पड़े हैं छत पर काफी पानी भरा हुआ है कमोवेश यही हालत ट्यूबवेल की है । सारे तार नंगे व खुले हैं छत पर पानी भरने के कारण पवित्र श्रावण मास में जब हजारों की संख्या में कांवरिये व अन्य श्रृद्धालु प्रति दिन दर्शन के लिये आते हैं इस परिस्थिति में मंदिर में करेन्ट उतरने पर किसी भी समय किसी बड़ी अनहोनी से इन्कार नहीं किया जा सकता ।मन्दिर की छत पर खुले पड़े बिजली के तार के बाबत जब जूनियर इंजीनियर सुनील पाल से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि नगर पंचायत से वार्ता करके शीघ्र नया केबिल डलवा दिया जायेगा जिससे समस्या दूर हो जाएगी। अब देखना यह है कि इस ओर बिजली विभाग और नगर पंचायत कोई सकारात्मक कदम उठारेगी या किसी अनहोनी का इन्तजार करेगी । कुछ भी हो मछलियों की मौत के बाद नगर पंचायत ने अपनी आंखे खोल दी और आनन फानन में नगर पंचायत ने तीर्थ के जल को शुद्ध करने के लिये तीर्थ में सात बोरी चूना व पोटाश डलवा दिया है । साथ ही तीर्थ के दक्षिण दिशा की बडी बोरिंग करायी जा रही है , इस सम्बन्ध में नगर पंचायत अध्यक्ष ने कहा कि इस बोरिंग के साथ में ही समर सेबिल डलवाया जा रहा है जिससे तीर्थ को पूरा भरवा दिये जाने के बाद तीर्थ से प्रदूषित जल बाहर हो जायेगा,और स्वच्छ जल भर जायेगा साथ ही समर सेबिल पड जाने के बाद तीर्थ स्थल पर उत्पन्न पेय जल की समस्या भी काफी हद तक दूर जायेगी।