28 C
Lucknow
Wednesday, February 19, 2025

फिर मायावती पर लगे गंभीर आरोप, नोटबंदी के दौरान नोट बदलने का प्रत्याशियों पर डाला दबाव



लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) से इस्तीफा देने वाले पार्टी से राजधानी में विधान सभा चुनाव लड़ चुके पूर्व प्रत्याशियों ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मेलन में बसपा प्रमुख मायावती पर कई गंभीर आरोप लगाये। प्रत्याशियों ने कहा कि नोटबंदी के दौरान बसपा प्रमुख ने उन लोगों पर पुराने नोटों को नये नोटो में बदलने का दबाव डाला। बिहार में विधान सभा चुनाव के लिए उन लोगों से धन वसूला गया। अब पार्षद चुनाव के लिए धन वूसली का दबाव डाला जा रहा है।

इस दौरान काफी संख्या में पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने पार्टी छोड़ने की घोषणा की।बसपा से राजधानी से विधान सभा चुनाव लड़ चुके उत्तर विधान सभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी अजय कुमार श्रीवास्तव ‘‘अज्जू’, मध्य विधान सभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी राजीव श्रीवास्तव, पूर्व विधान सभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी सरोज कुमार शुक्ल व कैण्ट विधान सभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी योगेश दीक्षित ने शुक्रवार को क्लार्क अवध में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पार्टी प्रमुख मायावती पर कई गंभीर आरोप लगाये।

चारों ने पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं के इस्तीफा देने का दावा किया। चारों पूर्व प्रत्याशियों ने कहा कि उन लोगों के साथ इस्तीफा देने वाले सरोजनीनगर विधान सभा क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी शिव शंकर सिंह संकरी कानपुर में किसी परिचित के मार्ग दुर्घटना होने के कारण संवाददाता सम्मेलन में नहीं आ सके। चारों पूर्व प्रत्याशियों ने कहा कि पहले उन लोगों ने पार्टी से इस्तीफा दिया इसके बाद पार्टी के जिलाध्यक्ष ने उन लोगों को पार्टी से निकालने का प्रेस नोट जारी किया है। चारों पूर्व प्रत्याशियों ने कहा कि नोटबंदी के दौरान मायावती ने उन लोगों को पार्टी कार्यालय में बुलया जहां एक कमरे में एक हजार व पांच सौ के पुराने नोट भरे थे।

उन लोगों ने पुराने नोटों को दो हजार के नये नोटों में बदलने का दबाव डाला गया। उन लोगों के मना करने पर भगा दिया गया। सरकार इस बात की जांच कराये कि कमरे में भरे पुराने नोटों का मायावती ने क्या किया? उन लोगों ने इस बात का खुलासा किया है इसलिए केन्द्र व प्रदेश सरकार उन लोगों की सुरक्षा की व्यवस्था करे। चारों पूर्व प्रत्याशियों ने कहा कि पार्टी के आला नेताओं ने बिहार में विधान सभा चुनाव के दौरान उन लोगों को बुलाकर धन मांगा और धन न देने पर विधान सभा का टिकट न देने की बात कही गयी। वे लोग पार्टी से चुनाव लड़के का काफी दिनों से प्रचार कर रहे थे।

परिवार व समाज में बदनामी के डर से उन लोगों ने धन दे दिया। अब सभी प्रत्याशियों से पार्षद के चुनाव के लिए प्रत्याशियों व कार्यकर्ताओं से पांच से दस लाख रुपये देने के लिए कहा जा रहा है। उन लोगों ने कार्यकताओं से वसूली करने की बजाय पार्टी से इस्तीफा देकर अपना बलिदान देना उचित समझा। राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि वह 17 साल से पार्टी से जुड़े हैं। काशी राम ने पार्टी की कमान मायावती के हाथ में देकर बड़ी गलती की है। गरीबों के हित के लिए संघर्ष करने का दावा करने वाली पार्टी अब कार्यकर्ताओं का ही शोषण करने लगे है।

अजय कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि वह लोग समाज की सेवा करने के लिए आए हैं न कि किसी पार्टी का कलेक्शन एजेण्ट बनने के लिए। मायावती ने पिछले दिनों मीटिंग बुलाकर उन लोगों से कहा था कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने पांच हजार किताबों का गबन किया है। पार्टी में एक किताब को एक लाख कहा जाता है। नसीमुद्दीन ने जो गबन किया है वह रुपये हर विधान सभा क्षेत्र में 15 लाख रुपये के हिसाब से जमा करना होगा। उन्होंने कहा कि मायावती व नसीमुद्दीन के बीच हुए लेन-देने की भरपाई वह लोग व कार्यकर्ता क्यों भरे।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें