28 C
Lucknow
Monday, November 11, 2024

फिर शुरू हुई लूसी सिंह हत्याकांड की जांच, पुलिस की भूमिका पर है शक

लखनऊ। सरोजनीनगर में 25 नवंबर पर 2017 को दिनदहाड़े हुई रिटायर्ड नर्स लूसी सिंह के हत्या की गुत्थी एक बार फिर सुलझाने की कोशिश हो रही है। करीब डेढ़ साल पुराने इस मर्डर केस की जांच एएसपी पूर्वी सुरेश चंद्र रावत ने शुरू की है। सरोजनीनगर निवासी लूसी सिंह की हत्या दिन में करीब तीन से चार बजे के बीच गर्दन रेतने के बाद ईंट से चेहरा कूच कर की गई थी। परिवारीजनों ने वारदात से तीन दिन पहले घर के सामने बन रही सड़क पर काम करने वाले मजदूरों से लूसी के विवाद को लेकर उनपर लूट और हत्या करने का शक जाहिर किया।

तत्कालीन सरोजनीनगर इंस्पेक्टर डीके शाही ने सीतापुर निवासी तीन मजदूरों को हिरासत में लेकर करीब चार दिन की पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया था। इसपर परिवारीजनों को पुलिस की भूमिका पर संदेह हुआ और उच्चाधिकारियों से घटनास्थल पर मिले खून को पकड़े गए मजदूरों के खून से मिलान करवाने की गुहार लगाई।

इस पर पुलिस ने लूसी के खून का मिलान तो करवाया, लेकिन मजदूरों से इसका मिलान करवाने की बजाय उन्हें क्लीनचिट दे दी। इसके बाद पुलिस के तफ्तीश की दिशा घूम गई और परिवार के बीच ही कातिल की तलाश की जाने लगी।

बड़े बेटे अभिषेक की पत्नी से लूसी की अनबन को मर्डर की वजह मानकर छानबीन की जाने लगी, लेकिन काफी पड़ताल के बाद भी पुलिस के हाथ कोई साक्ष्य नहीं लगा। लूसी के एक आपराधिक प्रवृति के रिश्तेदार और उसके परिवार से भी कई दिन तक कड़ी पूछताछ की गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। पुलिस को केस दूसरी ओर ले जाते देख लूसी के छोटे बेटे आकाश ने शक के दायरे में आने वालों के नारको और पॉलिग्राफी टेस्ट करवाने की मांग की। टेस्ट करवाने से बचने की वजह से पुलिस पर परिवार का संदेह और गहरा गया।

वारदात के ठीक बाद मजदूरों को क्यों बेचनी पड़ी जमीन!
करीब छह महीने की पड़ताल के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला। इस बीच दो थानेदार भी बदल गए, लेकिन पुलिस की थ्योरी बदमाशों और परिवार के बीच हत्यारोपित को तलाशने में उलझी रही। इस बीच परिवारीजनों ने अपने स्तर से छानबीन की। लूसी के छोटे बेटे आकाश ने बताया कि थाने के पुलिसकर्मियों से उसे जानकारी मिली कि हिरासत में लिए जाने के दौरान मजदूरों ने सीतापुर रोड पर स्थित हाई-वे के किनारे की बेशकीमती जमीन बेहद कम दाम पर बेची थी।

जमीन के खरीदार केस की जांच में शामिल रहे एक पुलिस अफसर के परिचित थे। आकाश ने अफसरों से मिलकर इसकी जांच करवाने की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। एएसपी पूर्वी सुरेश चंद्र रावत का कहना है कि इतने पुराने केस का खुलासा न होने की वजह और हत्यारोपितों तक पहुंचने के लिए फिर से जांच की जा रही है।

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें