पटना: लालू यादव बेटे-बेटियों समेत परिवार के बेनामी संपत्ति विवाद में घिरने से खासा परेशान हैं। राजद के भरोसेमंद सूत्रों का दावा है कि वे परिवार को बचाने की कवायद में जुट गए हैं। इसी अभियान के तहत उन्होने पार्टी के एक बड़े नेता को दिल्ली भेजा और मोदी सरकार के एक प्रभावशाली नेता के आगे गुहार लगवाई। बताते हैं कि इस मामले में केंद्र से राहत मिलने की गारंटी की डील अभी पूरी नहीं हुई है। नीतीश के रुख पर लालू की नरमी
हालांकि आधिकारिक तौर पर इस मामले में दोनों दलों से कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है। पर राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश के रुख पर नरमी दिखा लालू यादव ने ये संकेत दे दिए हैं। राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए यूपीए प्रत्याशी मीरा कुमार के नामांकन के दौरान लालू यादव की गैर मौजूदगी को भी इस घटनाक्रम से जोड़कर देखा जा रहा है।
परिवार पर छापे से परेशान हैं लालू
असल में लालू अपने परिवार के ईडी और आयकर के चक्करों में फंसने के साथ नीतीश कुमार के एनडीए से बढ़ते कदमताल से भी परेशान हैं। इसलिए ही वे नीतीश से टकराना और भाजपा से गैरराजनैतिक मोर्चे पर भिड़ना नहीं चाहते। सूत्रों की माने तो परिजनों को बचाने के लिए वे कोई भी कार्रवाई खुद तक सिमटवाना चाह रहे हैं