28 C
Lucknow
Friday, January 24, 2025

बज गया ‘ब्रह्मांड का सबसे अहम अलार्म’

रोसेटा, धूमकेतु

वैज्ञानिकों का मानना है कि यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के अंतरिक्षयान ‘रोसेटा’ का अलार्म बज चुका है. इस अलार्म के बजने के साथ ही रोसेटा के नींद से जगने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

रोसेटा की अंतरिक्षयात्रा एक दशक पहले शुरू हुई थी. लेकिन बीते दो साल से ये अंतरिक्षयान नींद में था क्योंकि इसे एक धूमकेतु पर उतरने के अपने अभियान के अंतिम चरण के लिए ऊर्जा बचानी थी.
इतनी लंबी नींद से जगने में इसे कई घंटे लग सकते हैं क्योंकि अहम उपकरणों को शुरू होने में वक़्त लगेगा. रोसेटा को इसी साल अगस्त में धूमकेतु 67पी/चर्यूमोफ़-गेरासिमेंको से मिलना है.

कुछ महीने तक इस चार किलोमीटर लंबे धूमकेतु के अध्ययन के बाद रोसेटा इस धूमकेतु पर एक छोटा सा रोबोट उतारेगा ताकि इससे नमूने इकट्ठा किए जा सकें और कुछ तस्वीरें ली जा सकें.

यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी के जर्मनी के डर्मस्टेट स्थित ऑपरेशंस सेंटर के वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि उन्हें रोसेटा से कुछ ही घंटों में कोई संदेश मिलेगा.

अंतरिक्ष की पड़ताल

रोसेटा रोसेटा किसी धूमकेतु पर उतरने का अपनी तरह का पहला अभियान है.

रोसेटा को जून 2011 में अस्थायी रूप से निष्क्रिय किया गया था क्योंकि सौर तंत्र में इसका रास्ता इसे सूरज से इतना दूर ले जाने वाला था कि इसके सोलर पैनल बहुत कम सौर ऊर्जा पैदा कर पाते.

साल 2004 में इसे लॉन्च किया गया था और इसने धूमकेतु तक पहुंचने के लिए थोड़ा घुमाव वाला रास्ता चुना है.

एक बार वैज्ञानिक रोसेटा की सेहत की पड़ताल कर लें तो वो इसे धूमकेतु 67 पी तक पहुंचाने के लिए इसके थ्रस्टर्स को शुरू करेंगे. अभी रोसेटा की धूमकेतु 67 पी से दूरी क़रीब 90 लाख किलोमीटर है, सितंबर के मध्य तक इस दूरी को सिर्फ़ 10 किलोमीटर तक लाया जाएगा.

11 नवंबर को धूमकेतु 67 पी पर तीन टांगों वाला रोबोट ‘फ़िली’ उतारा जाएगा. वैज्ञानिक चाहते हैं कि रोसेटा धूमकेतु 67 पी का तब पीछा करे जब वह सूरज की ओर बढ़ रहा हो ताकि इस धूमकेतु पर होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जा सके.

फ़िली धूमकेतु की सतह पर होने वाले परिवर्तनों की जानकारी देगा.

माना जाता है कि धूमकेतुओं पर ऐसे खनिज हैं जो 4.6 अरब साल पहले सौर तंत्र बनने से लेकर अब तक वैसे ही हैं. ऐसे में रोसेटा से मिलने वाले आंकड़े शोधकर्ताओं को ये समझने में मदद करेंगे कि समय के साथ अंतरिक्ष का वातावरण कैसे बदला है.

Latest news
- Advertisement -spot_img
Related news
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें