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Wednesday, April 23, 2025

बदला लेने के लिए सरबजीत को मारना चाहते थे

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लाहौर। पाकिस्तान की जेल में सरबजीत सिंह की बेरहमी से पिटाई करने वाले मुख्य आरोपी ने बदला लेने के लिए उन्हें मारने की योजना बनाई थी। भारतीय नागरिक पर हमले के मामले में दो सजायाफ्ता कैदियों पर हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है।

पुलिस उप महानिरीक्षक (जेल) मलिक मुबाशिर द्वारा तैयार की गई प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी अमेर आफताब और मुदस्सर ने कहा कि वे सरबजीत से नफरत करते थे क्योंकि वह लाहौर में 1990 में हुए बम विस्फोट का दोषी था, जिसमें 14 पाकिस्तानी मारे गए थे। वे इस हमले में मारे गए लोगों की मौत का बदला लेना चाहते थे। यह दोनों कैदी फांसी पाने की कतार में हैं।

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक मुबाशिर ने पंजाब प्रांत के गृह मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी है।

49 वर्षीय सरबजीत पर हमले के बारे में दोनों कैदियों ने कहा कि उन्होंने चम्मचों को धारदार बनाया था ताकि उसका चाकू की तरह इस्तेमाल किया जा सके। उन्होंने घी के कनस्तर के टुकड़ों से ब्लेड बनाया और ईटों को इकट्ठा किया।

रिपोर्ट में आरोपियों के हवाले से कहा गया है कि जैसे ही उन्हें मौका मिला उन्होंने अपनी योजना को अंजाम दिया। हालांकि वे इस सवाल का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए हैं कि हाल में ही क्यों उन्होंने सरबजीत से नफरत करनी शुरू की और उन्हें मारने की योजना बनाई जबकि दोनों कोट लखपत जेल में कई वर्षो से हैं। मुदस्सर 2005 से जबकि आफताब 2009 से जेल में बंद है। जब जांचकर्ताओं ने उनसे पूछाकि क्या किसी ने उन्हें सरबजीत को मारने के लिए उकसाया या उनकी मदद की तो दोनों ने किसी धार्मिक या कट्टरपंथी संगठन से जुड़ाव से इन्कार कर दिया। सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानियों की मौत का बदला लेने की बात कहकर वे आसानी से अपने जघन्य अपराध के लिए सहानुभूति बटोर सकते हैं।

सूत्रों का कहना है कि यह सुनियोजित हमला था। जांचकर्ता हमले के पीछे किसी आतंकी संगठन का हाथ होने की आशंका से इन्कार नहीं कर रहे। वे मामले को रफादफा करने में लगे हैं। जब तक न्यायिक आयोग मामले की जांच नहीं करेगा सच सामने नहीं आएगा। रिपोर्ट में हमले का कारण जेल प्रशासन की ओर से बड़ी सुरक्षा चूक बताया गया है। जेल के दो वार्डन ने कहा कि उन्होंने सरबजीत को बचाने की कोशिश की जिसमें उन्हें मामूली चोटें आई। सरकार ने इस मामले में कई कनिष्ठ अधिकारियों को निलंबित किया है। मगर पंजाब के कारागार निरीक्षक फारुक नाजीर के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जो सरबजीत की जान को खतरे के बारे में खुफिया रिपोर्ट के बावजूद पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने में नाकाम रहे।

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