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Thursday, September 19, 2024

बरेली बस हादसा: अपने जिंदा जल रहे थे हम बेबस उन्हें देखते रहे


लखनऊ, न्यूज़ वन इंडिया। बरेली-लखनऊ हाइवे पर रविवार रात एक बजे ट्रक से टक्कर के बाद आग के गोले में तब्दील हुई गोंडा की बस में 24 लोगों की मौत हो गई। हादसे में मारे गए सभी लोगों के शव कंकाल में तब्दील हो गए थे। डॉक्टर भी नहीं बता पा रहे थे कि शव पुरूष का है या महिला का। शासन ने हादसे की रिपोर्ट तलब की है। गोंडा में बहन की शादी की खुशियों में शामिल होने परिवार के साथ जा रहे रामधन को नहीं पता था कि एक हादसा उन्हें जिंदगी का सबसे बड़ा दर्द देगा। सिद्धि विनायक के आईसीयू में भर्ती 21 वर्षीय रामधन से हादसे के बारे में पूछते ही आंखों से आंसू लुढ़क गए, बोले मेरी आंखों के सामने सब राख हो गया। आंखों के सामने भाई हरीश, मां ममता, दादा उमा शंकर, बुआ निशा, चाचा दीपक और दादी को मरते देखा है। बचाना चाहकर भी वहां तक नहीं पहुंच सका। यह कहते हुए सुबकने लगा।

बस में अंधेरा था, सभी सो रहे थे। एक धमाका होने के बाद लगा कि बस पलट गई है। बस के एक तरफ से ट्रक की टक्कर लगी थी। अंदर हम सभी दहशत में चीख रहे थे। बाहर निकलना चाहा तो दरवाजे पर लोग ज्यादा थे, लेकिन कंडक्टर की पीछे वाली सीट पर बैठे होने से मैं लोगों के साथ बाहर निकल पाया। हाईवे पर बिल्कुल अंधेरा था। बस के अंदर लोगों के चिल्लाने की आवाजें आ रही थी। खिड़कियों के शीशों को तोड़कर कुछ यात्री बाहर कूद चुके थे। मैं अपने परिवार को बाहर निकालना चाहता था कि एक जोरदार धमाका हुआ और हमारी आंखों के सामने बस आग का गोला बन गई। हम कुछ नहीं कर पाए बस लोगों को राख होते देखते रहे।

पैर की हड्डी टूटी, फिर भी अपनों के लिए आग से जूझे गोंडा के कस्बा चकधौंराबाद निवासी रामधन सिंह पुत्र राम सिंह ने बताया कि उसकी बहन पूनम सिंह की आगामी सात मई को शादी होनी थी। इसलिए परिवार के साथ वह गोंडा जा रहा था। उन्होंने बताया कि बाहर निकलते वक्त उनके पैर की हड्डी टूट गई थी। अगर ऐसा न होता तो शायद वह किसी को बचा लेता। उन्होंने बताया कि हादसे के बाद यूपी 100 की गाड़ी में उन्हें निजी अस्पताल ले जाया गया दिल्ली से गोंडा जा रही इस बस (यूपी 43टी- 5978) के कंडक्टर अख्तर अजीज फारूखी के मुताबिक बस में 42 यात्री सवार थे। बस में कितने बच्चे थे इसकी उसे जानकारी नहीं है। आग से बुरी तरह झुलसे 15 यात्रियों को बरेली के जिला अस्पताल और सिद्धि विनायक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बरेली के जिला प्रभारी मंत्री ब्रजेश पाठक ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस भीषण हादसे में मृतकों के परिवारीजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दो-दो लाख रुपये और परिवहन निगम की ओर से पांच-पांच लाख रुपये देने की घोषणा की है। गंभीर घायलों को 50-50 हजार और सामान्य घायलों को 25-25 रुपये दिए जाएंगे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हादसे पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिवार वालों को दो-दो लाख रुपये देने के निर्देश दिए हैं। इस तरह प्रत्येक मृतक के परिवार को नौ-नौ लाख रुपये मिलेंगे।

रविवार रात करीब एक बजे यह हादसा उस वक्त हुआ था जब लखनऊ हाईवे (एनएच-24) पर इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी के आगे भ्रमित होकर गोंडा डिपो की बस का ड्राइवर बस को हाईवे पर रांग साइड में ले आया और तभी शाहजहांपुर की ओर से आ रहे ट्रक से उसकी भीषण टक्कर हो गई। टक्कर से बस का डीजल टैंक फट गया और उसमें आग लग गई। कुछ ही पलों में बस आग का गोला बन गई। नींद में डूबे यात्रियों ने चीखपुकार के बीच बस के मेन दरवाजे और खिड़कियों से बाहर निकलने की कोशिश की लेकिन सिर्फ15 यात्री ही बाहर निकल सके। 24 लोगों की जिंदा जलने मौत हो गई। चूंकि मृतकों और घायलों की संख्या अब भी बस में सवार कुल यात्रियों से कम है लिहाजा आशंका जताई जा रही है कि मृतक संख्या और बढ़ सकती है।

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