बरेली के बसंतपुर गांव में एक नाबालिग लड़की को इंसाफ दिलाने के लिए पंचायत ने उसकी कीमत 20 हजार रुपये लगा डाली.
बरेली के बसंतपुर गांव में एक चौदह साल की नाबालिग लड़की को पाने के लिए दो परिवारों के बीच होड़ सुलझाने के लिए पंचायत ने चौंकाने वाला फैसला कर डाला.
दरअसल बिहार की रहने वाली पीड़ित लड़की का सौदा इसके ही बहन और जीजा ने किया था. हैरानी कि बात तो यह है कि बिहार से उत्तर प्रदेश पहुंचने तक ये लड़की चार बार बिक चुकी थी.
पंचायत ने लगाई फिर बोली
ये पीड़िता अंतराम नाम के एक शख्स के पास थी. अंतराम ने इसे 20 हजार रुपये में खरीदा था.
एक दिन लड़की बड़ी हिम्मत दिखाकर अंतराम के घर से भाग निकली और गौटिया गांव में शिवचरन नाम के शख्स को मिल गई.
शिवचरन ने उसकी आपबीती सुनकर उसे अपने घर में पनाह दी.
अंतराम को जब ये पता चला तो उसने पंचायत बुलवा ली. पंचायत ने इस मामले को सुलझाने के लिए शिवचरन से कहा कि अगर वो इस लड़की को रखना चाहता है तो अंतराम को 20 हजार रुपये दे.
पंचायत के इस फैसले ने एक बार फिर उस पीड़ित लड़की की कीमत लगा डाली थी मगर समय पर वहां पुलिस पहुंच गयी और मासूम की आबरू नीलाम होने से बच गई.
पुलिस की मदद से लड़की शिवचरन के घर पर है और वो अपने बेटे का रिश्ता उससे करवाना चाहता हैं.
जीजा-बहन पर नहीं हुई कोई कार्रवाई
आखिर में सवाल ये है कि पुलिस ने लड़की के जीजा और बहन के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जिन्होंने लड़की की आबरू को तार-तार करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.
वहीं उस पंतायत को भी क्यों छोड़ दिया जिसने लड़की की इज्जत को नीलाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी.